Indecisive Nature: ओवरथिंकिंग करके उड़ जाती है दिमाग की धज्जियां, फिर भी पार नहीं लग पाती नैय्या? तो इधर है समाधान

Indecisive Nature: ओवरथिंकिंग करके उड़ जाती है दिमाग की धज्जियां, फिर भी पार नहीं लग पाती नैय्या? तो इधर है समाधान

हल्द्वानी, अमृत विचार। क्या आप भी गहरी सोच में पड़ जाते हैं जब आपके सामने दो विकल्प रखे जाते हैं? आपको भी ऐसा लगता है कि कोई भी विकल्प का चयन करके आप पछताएंगे? तो आप अकेले नहीं हैं जिसके साथ ऐसा होता है। ऐसे कई लोग के साथ रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसा होता है। जब आप दो विकल्पों को लेकर ज्यादा सोचते हैं तो ओवरथिंकिंग लूप में चले जाते हैं। ज्यादा सोचना या ओवरथिंकिंग करने से आप तनाव के घेरे में आ जाते हैं। ओवरथिंकिंग करने से आपके दिमाग की ऊर्जा फालतू के विचार सोचने में खर्च होती है। इसलिए ओवरथिंकिंग से बच कर सही निर्णय लेना चाहते हैं तो अपनाएं यह ट्रिक्स। 

1) परफेक्शन की खोज कर सकती है दिक्कत
परफेक्शन हमेशा ही फायदेमंद नहीं हो सकता। इसलिए कि परफेक्शनिज्म ऑल-ऑर-नथिंग कन्सेप्ट पर आधारित है, जो गलत है। बचने के लिए आपको खुद से सवाल पूछने चाहिए। जैसे वो कौन-से निर्णय हैं, जिनसे मेरी प्राथमिकताओं पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

2) 10/10/10 टेस्ट को आजमाएं
कोई निर्णय लेने से पहले लिख लें कि इससे कौन लोग और कौन-से लक्ष्य प्रभावित होंगे। यदि असफलता का डर आपको रोकता है तो 10/10/10 टेस्ट ट्राई करके देखें। इससे यह जान पाएंगे कि आज से अगले 10 हफ्ते, 10 महीने या 10 साल तक आप उस निर्णय के बारे में क्या सोच रखते हैं।

3) इंट्यूशन के आधार पर स्मार्ट निर्णय लें
अपने इंट्यूशन पर ध्यान दें। आपका दिमाग पहले स्थिति को समझने की कोशिश करता है, फिर आपके तजुर्बों पर सोचता है और उनके आधार पर ही कोई निर्णय लेता है। शोध बताते हैं कि इंट्यूशन जब एनालायटिकल थिंकिंग के साथ मिलता है तो आप ज्यादा स्मार्ट निर्णय ले पाते हैं।

4) कुछ निर्णय हटाए भी जा सकते हैं
एक दिन में आप सौ से ज्यादा छोटे-बड़े निर्णय लेते हैं। जैसे नाश्ते में क्या खाना है, ईमेल का जवाब क्या देना है वगैरह। हर निर्णय में आपकी मानसिक और भावनात्मक काबिलियत दिखती है। दिमागी शक्ति बचाने के लिए एक रूटीन बनाया जा सकता है। कुछ निर्णय हटाए जा सकते हैं।