बरेली, बाजार में हर तरफ कान्हा...कान्हा, जन्माष्टमी की पूर्व संथ्या पर टूटी अपार भीड़, लोगों ने की जमकर खरीदारी

बरेली, बाजार में हर तरफ कान्हा...कान्हा, जन्माष्टमी की पूर्व संथ्या पर टूटी अपार भीड़, लोगों ने की जमकर खरीदारी

बरेली, अमृत विचार: इस जन्माष्टमी पर साटन की तिकोनी पहने मोर पंखी के पालने में नजर आएंगे कान्हा। उन्हें सजाने के लिए मथुरा और वृंदावन से पोशाकों की बड़ी रेंज बाजार में आई है। उनके विश्राम के लिए पलंग, हिंडोला, तकिया, बेडशीट और नजरबट्टू की भी खरीदारी हो रही है। सिविल लाइंस, क़ुतुबखाना, बड़ा बाजार, राजेंद्रनगर, डीडीपुरम के बाजार में खरीदारों की भीड़ टूट नहीं रही है।

कान्हा के लिए बनारस, मथुरा और वृंदावन से मोतियों की माला, मुकुट,चारपाई, बांसुरी, आसन, चौकी, सिंहासन, पीतल-चांदी के पालने, मोरपंख, पगड़ी, हाथों के कड़े, चंदन तिलक और बिंदी और छत्र जैसी न जाने कितनी चीजें बाजार में है। जरदोजी और मोती जड़ी पोशाकें काफी आकर्षक हैं। सामान्य पोशाक 20 रुपये से पांच सौ रुपये तक की है।

बड़ा बाजार के दुकानदार सुनील ने बताया कि बाजार में अलग-अलग साइज के पीतल के लड्डू गोपाल छाए हैं। सर्राफा बाजार में चांदी के लड्डू गोपाल की धूम है। लड्डू गोपाल की छोटी मूर्ति चार सौ तीन हजार तक की है।

हिंडोलों की खरीदारी के लिए भीड़: श्रीकृष्ण को जन्म लेते ही पंचद्रव्य से अभिषेक कराकर सुंदर पोशाक पहनाकर शृंगार कर हिंडोले में विराजा जाएगा। बाजार में धातु और लकड़ी के कई तरह के डिंडोले हैं। सबसे अधिक फूलों, मोतियों, गोटे और लकड़ी के हिंडोले की मांग है। चांदी, पीतल, स्टील जैसे धातु के हिंडोले भी खरीदे जा रहे हैं। साथ में गद्दी लगे दीवान, आसन की खरीदारी हो रही है। ये 40 से एक हजार तक की रेंज में हैं।

साल भर से था इंतजार

- जन्माष्टमी का पूरे साल इंतजार रहता है। इस बार भी तैयारियों के लिए पति के साथ मार्केट आई हूं। यहां हर साल नन्हे कान्हा के लिए विशेष आइटम्स आते है। इस बार झूले और शृंगार अलग हैं। - लीलावती

- जन्माष्टमी पर दिन भर व्रत रहेगा, शाम को स्वादिष्ट पकवानों के साथ कान्हा को भोग लगाएंगे। यहां बाजार में कान्हा की मूर्ति लेने आई हूं। इस बार बाजार में कई वैरायटी हैं। - नीलम

इस बार खूब भीड़:

- बाजार में इस बार मूर्तियों की काफी वैरायटी मौजूद है। पहले से माल मंगवा लिया था। जन्माष्टमी पर लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। - अमित, दुकानदार

  • शृंगार और झूले के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। हम पांच साल से बांके विहारी मंदिर के बाहर दुकान लगाते हैं। इस बार काफी भीड़ है। - शरद गुप्ता, दुकानदार

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