Kanpur: बच्चे की मौत पर हैलट में हंगामा; परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप, बोले- एक इंजेक्शन के लिए तीन दिन तक टहलाते रहे
कानपुर, अमृत विचार। हैलट के बाल रोग अस्पताल में बुधवार को इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई तो तीमारदार डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा करने लगे। भीड़ में शामिल कुछ व्यक्तियों ने एनआईसीयू की खिड़की का शीशा तोड़ दिया, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। स्वरूप नगर थाने की पुलिस और हैलट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाकर शांत कराया।
राजापुरवा निवासी राहुल कुमार ने बताया कि गर्भवती पत्नी रूमी को हैलट के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भर्ती कराया था, जहां ऑपरेशन से पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया। रविवार को डॉक्टरों ने नवजात को पीलिया होने की जानकारी देते हुए एनआईसीयू में भर्ती किया। आरोप है कि इंजेक्शन लगवाने के लिए डॉक्टर तीन दिन तक टहलाते रहे और प्रतिदिन बच्चे को एनआईसीयू में लेकर आने को बोलते थे। पहुंचने पर डॉक्टर बोलते थे कि अभी फाइल नहीं आई, जब आएगी तब इंजेक्शन लगेगा।
डॉक्टर फाइल आने की बात बोलकर चार-चार घंटे तक बाहर बैठाए रहते थे। ऐसे करते-करते बुधवार को तीसरे दिन अस्पताल में बच्चे की मौत हो गई। गुस्साए तीमारदारों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया। किसी ने एनआईसीयू का शीशा तोड़ दिया। स्वरूप नगर थाने की पुलिस और हैलट के प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके सिंह मौके पर पहुंचे। प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके सिंह ने बताया कि यदि कोई लिखित शिकायत देता है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
सही से स्तनपान नहीं कराने से मौत हुई
बाल रोग अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे का इलाज अच्छी देखरेख में किया गया था, वह सही भी हो गया था। बच्चे को स्तनपान कराने के लिए उसकी मां के पास भेजा गया था। सही से स्तनपान नहीं कराने की वजह से बच्चे की हालत बिगड़ गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों से अभद्रता करने साथ ही अस्पताल में तोड़फोड़ की।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि अस्पताल में तोड़फोड़ और हंगामा करने वालों के खिलाफ मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट तहत, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और डॉक्टरों से अभद्रता करने पर पुलिस को तहरीर दी जाएगी। मामले की जांच भी कराई जाएगी। वहीं पुलिस ने बताया कि अभी तहरीर नहीं मिली है।