Kanpur: 'थू-थू हो रही, क्या कर रहे डीसीपी, एसीपी और थानेदार'...अधिकारियों पर भड़के पुलिस कमिश्नर, जमकर लगाई क्लास

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि विभाग की बदनामी करा रहे पुलिस कर्मियों की सूची की जाए तैयार

Kanpur: 'थू-थू हो रही, क्या कर रहे डीसीपी, एसीपी और थानेदार'...अधिकारियों पर भड़के पुलिस कमिश्नर, जमकर लगाई क्लास

कानपुर, अमृत विचार। सचेंडी में चौकी इंचार्ज और सिपाही की वसूली से त्रस्त सब्जी विक्रेता की आत्महत्या और भीमसेन चौकी में शिकायत करने गए युवक की पिटाई पर पुलिस कमिश्नर मातहतों पर भड़क गए हैं। उन्होंने ऑनलाइन मीटिंग में डीसीपी से लेकर थाना प्रभारियों को जमकर फटकार लगाई। कहा कि कुछ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के कारण पुलिस विभाग की बदनामी हो रही है।

उन्होंने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर सूची बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए। ऑनलाइन मीटिंग में पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने कहा कि शर्म की बात है कि महाराजपुर थानाक्षेत्र में खनन में लगे डंपर की चपेट में आने से दंपति की मौत के मामले में कहने के बाद भी डंपर मालिक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नवाबगंज, कल्याणपुर, बिठूर, चौबेपुर, शिवराजपुर से लेकर ककवन तक में खनन में लगे डंपर सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं।

हैरानी की बात है कि थाना प्रभारियों से लेकर पुलिस अधिकारियों तक किसी को नहीं दिखाई दे रहा है। आखिर उस जोन के एसीपी, एडीसीपी, डीसीपी क्या कर रहे हैं। उनके खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई की जा रही है। यदि इस मामले में किसी सफेदपोश का भी नाम आ रहा है, तो उसके भी खिलाफ कार्रवाई की जाए। 

पुलिस की छवि हो रही धूमिल

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मीडिया के साथ आम जनता भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है। पुलिस की छवि लगातार धूमिल हो रही है। पुलिस अधिकारियों को घटना होते ही सबसे पहले वर्जन अपडेट करना चाहिए। इसका उदाहरण मंगलवार को सचेंडी के भीमसेन चौकी में देखने को मिला है। वहां विधायक और ट्रेनी आईपीएस के बीच विवाद के दौरान एसीपी पनकी चुपचाप वहां बैठे रहे। उन्होंने न तो इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी और न ही बीच बचाव का ही प्रयास किया। जिसके चलते मामला तूल पकड़ा और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।  

ब्लैकमेलिंग पर पत्रकारों पर दर्ज की जाए रिपोर्ट

पुलिस कमिश्नर ने निर्देश दिए कि आए दिन कथित पत्रकारों की वसूली और ब्लैकमेलिंग की शिकायतें आती हैं। उन कथित पत्रकारों के खिलाफ साक्ष्य संकलित कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए और उनके आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की जाए।

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