‘इंडिया’ गठबंधन ने 14 एंकर के कार्यक्रमों के बहिष्कार का किया फैसला, भाजपा ने की आपातकाल से तुलना 

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने बृहस्पतिवार को फैसला किया कि वे देश के 14 टेलीविजन एंकर के कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे। ‘इंडिया’ की मीडिया से संबंधित समिति की बैठक में यह फैसला किया गया।

ये भी पढ़ें - अरविंदर सिंह लवली ने संभाला दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार 

विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति ने एक बयान में कहा, ‘‘13 सितंबर, 2023 को अपनी बैठक में ‘इंडिया’ समन्वय समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, विपक्षी गठबंधन के दल इन 14 एंकर के शो और कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे।’’ इसने बयान में 14 एंकर की एक सूची भी जारी की है।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख और विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति के सदस्य पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘रोज़ शाम पांच बजे से कुछ चैनलों पर नफ़रत की दुकानें सजाई जाती हैं। हम नफ़रत के बाज़ार के ग्राहक नहीं बनेंगे। हमारा उद्देश्य है ‘नफ़रत मुक्त भारत’।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘बड़े भारी मन से यह निर्णय लिया गया कि कुछ एंकर के शो व कार्यक्रमों में हम भागीदार नहीं बनें।

हमारे नेताओं के ख़िलाफ़ अनर्गल टिप्पणियां, फेक न्यूज़ आदि से हम लड़ते आए हैं और लड़ते रहेंगे, लेकिन समाज में नफ़रत नहीं फैलने देंगे। मिटेगी नफ़रत, जीतेगी मुहब्बत।’’ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विपक्षी गठबंधन के इस कदम की तुलना आपातकाल से की। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत में नागरिक स्वतंत्रता में कटौती का एकमात्र उदाहरण हमने 1975 में आपातकाल के दौरान देखा है।

सनातन धर्म को खत्म करने के लिए खुला आह्वान, पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी और मीडिया का बहिष्कार आपातकाल के उन अंधकारमय दिनों की राजनीति को दर्शाता है। ‘आई.एन.डी.आई. एलायंस’ का असली चेहरा।’’ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कदम उनकी हताशा को दर्शाता है।

राजस्थान के भीलवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन कांग्रेस और उनके सहयोगियों के नेता कहते हैं कि वे सनातन धर्म को नष्ट कर देंगे और हिंदुओं का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। अब उन्होंने पत्रकारों का भी बहिष्कार करना शुरू कर दिया है और मुकदमे दर्ज कर रहे हैं।’’ इस बीच, ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ (एनयूजे) ने बहिष्कार को लोकतंत्र पर हमला करार दिया।

एनयूजे ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने मीडिया का राजनीतिकरण किया है। ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ से जुड़े ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ के अध्यक्ष रास बिहारी ने एक बयान में कहा कि विपक्षी दलों का यह फैसला भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मीडिया पर दमन का एक "काला अध्याय" है।

ये भी पढ़ें - अमृतसर में पासपोर्ट मोबाइल वैन की सुविधा शुरू

संबंधित समाचार