अमरोहा : कोर्ट के आदेश की अवहेलना में हसनपुर इंस्पेक्टर व एसओसी चकबंदी पर कसा शिकंजा
तीन को एसओसी व चार अक्टूबर को कोर्ट में हाजिर होंगे हसनपुर इंस्पेक्टर, दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश
अमरोहा, अमृत विचार। कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने वाले हसनपुर कोतवाली इंस्पेक्टर व एसओसी (सहायक चकबंदी अधिकारी ) पर कानूनी शिकंजा कस गया है। लापरवाह रवैये पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिया है। दोनों ही मामले अलग-अलग हैं। कोर्ट ने एसओसी चकबंदी की पेशी के लिए तीन व इंस्पेक्टर को हाजिर होने के लिए चार अक्तूबर की तारीख नीयत की है। संबंधित विभागीय अधिकारियों को भी कार्रवाई की बावत पत्र भेजा है।
पहला मामला एसओसी चकबंदी से जुड़ा हुआ है। अशरफ अली नाम के एक व्यक्ति ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इसमें कोर्ट ने एसओसी से पीड़ित के आरोप की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन एसओसी ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। कोर्ट ने उन्हें 16 सितंबर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। लेकिन लापरवाही की इंतेहा यह रही कि एसओसी ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही प्रार्थना पत्र पर अपनी आख्या प्रस्तुत की।
कोर्ट ने एसओसी की लापरवाही को धारा 349 (दूसरे पर बल का प्रयोग करना) के तहत दंडनीय अपराध माना। मुकदमा दर्ज करने का आदेश देते हुए तीन अक्तूबर को स्पष्टीकरण के साथ कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिया। वहीं दूसरा मामला हसनपुर कोतवाली से जुड़ा हुआ है। साल 2009 में अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में प्रवीन, सुंदर, सुरेश व बबीता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। मामले में सीजेएम चौधरी अमर प्रताप सिंह की कोर्ट से चारों आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुए थे, लेकिन हसनपुर पुलिस के तामिला वारंट कोर्ट में पेश नहीं किए, साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी भी नहीं की गई।
लापरवाह रवैये पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने एक सितंबर को इंस्पेक्टर हसनपुर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। बावजूद इसके इंस्पेक्टर ने न तो वारंटियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया और न ही नोटिस का ही जवाब देने में दिलचस्पी दिखाई। कोर्ट ने इसे कर्तव्यों के प्रति लापरवाही मानते हुए हसनपुर इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके अलावा स्पष्टीकरण देने के लिए इंस्पेक्टर को चार अक्तूबर को कोर्ट में तलब भी किया गया है। इस मामले में में कोर्ट ने एसओसी के खिलाफ जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी और हसनपुर इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है।
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