World Mental Health Day 2023 : जरूरत से ज्यादा तनाव ले सकता है आपकी जान, लक्षण दिखते हो जाएं सावधान

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Published By Bhawna
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मनोरोग चिकित्सक डा. अतीक खान ने बताया- ज्यादातर युवा वर्ग मानसिक रोग से हो रहा पीड़ित

रामपुर, अमृत विचार। प्रत्येक वर्ष आज के दिन यानि 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। अनियमित जीवनशैली और काम के प्रेशर से मनोरोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इस बीमारी से ज्यादातर युवा ग्रसित हो रहे हैं। विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ही विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। बताया कि जरूरत से ज्यादा तनाव इंसान की जान भी ले सकता है। सोमवार को अमृत विचार के ब्यूरो चीफ आशुतोष शर्मा ने मनोरोग चिकित्सक डा. अतीक खान से मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाया जाए इस संबंध में वार्ता की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।

मानसिक स्वास्थ्य सही होना कितना जरूरी है?
मानसिक स्वास्थ्य सही होना शारीरिक स्वास्थ्य सही होने से कई गुना ज्यादा जरूरी है। क्योंकि मानसिक रोगों का सीधा कनेक्शन हमारे मस्तिष्क से होता है। इस वर्ष की थीम भी यह कहती है कि मेंटल हेल्थ हमारा अधिकार है। इसलिए इस दिन लोगों को जागरूक भी किया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य अपने आप पर ध्यान केंद्रित करने, तनाव मुक्त रहने, पर्याप्त नींद लेने, अपने साथ अच्छा समय बिताने और अच्छा समय बिताने के बारे में है।

ज्यादातर किस वर्ग के लोग इस बीमारी के ज्यादा चपेट में आ रहे और क्यों?
मानसिक स्वास्थ्य की समस्या किसी भी वर्ग के व्यक्ति में हो सकती है। हालांकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में पीड़ित होने की संभावना लगभग दोगुनी है। उम्रदराज व्यक्तियों की अपेक्षा युवा वर्ग मानसिक रोगों से ज्यादा पीड़ित है। कारण है अनियमित जीवन शैली, काम समय पर खत्म न होना, भविष्य के बारे में सोचना, ब्रेकअप इत्यादि।

तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए क्या किया जाए?
भविष्य की चिंता में न खोएं, वर्तमान में जीने का प्रयास करें। जो बीत चुका उसके बारे में बार-बार न सोचें। समय रहते कार्य को पूरा करने की आदत डालें। मित्रों/परिवार/जीवनसाथी से अच्छे संबंध स्थापित करें। आर्थिक स्थिति से ज्यादा खर्च न करें। समय पर सोएं और समय पर ही उठें। नियमित मेडिटेशन या व्यायाम करें।

तनाव में अक्सर लोग एल्कोहल का सेवन करते हैं क्या यह सही है?
तनाव में ही नहीं...सामान्यतौर पर ही शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है। यह त्वरित समाधान दे देती है लेकिन लंबे समय के लिए बीमारी को बढ़ा देती है। अध्ययन के मुताबिक शराब और धूम्रपान मस्तिष्क की कोशिकाओं को गंभीर रूप से प्रभावित करके तनाव-चिंता और अवसाद जैसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाता है। इसका सेवन मानसिक और शारीरिक दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

मानसिक तौर पर बीमार व्यक्ति की पहचान कैसे की जाए?
मानसिक बीमारियों के कई प्रकार हैं। जैसे अगर, सिजोफ्रेनिया की बात की जाए तो इसमें मनुष्य अकेले रहना पसंद करता है। बहकी-बहकी बातें करने लगता है। असमान्य व्यवहार करने लगता है। बहुत शक करना। खुद को हैसियत से बड़ा बताना। गुमसुम रहना, चिड़चिड़ापन, नकारात्मक या फिर आत्महत्या के बार-बार विचार आना। किसी कार्य को बार-बार करना, गैस चेक करना, नहाना, बार-बार हाथ धुलना आदि।

मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए क्या करना चाहिए?
सबसे पहले मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिए मुस्कुराने की आदत डालें। व्यायाम करें, किताबें पढ़ें, अपने दोस्तों या परिवार के साथ समय बिताएं। सेहतमंद आहार लें, अच्छी नींद लें, ड्रग्स और एल्कोहल से बचें। सकारात्मक सोच रखें। परिवार से अपने रिश्ते बेहतर बनाएं। मनपंसद काम करें, जिससे खुशी मिले।

डिप्रेशन और मानसिक बीमारी में क्या अंतर है?
डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है लेकिन यह मरीज को शारीरिक रूप से भी प्रभावित करती है जैसे थकावट, दुबलापन या मोटापा, हार्ट डिसीज, सिर दर्द, मधुमेह आदि। जबकि मानसिक बीमारी से व्यक्ति दिमागी रूप से अस्वस्थ होता है। मानसिक बीमारियों के कई प्रकार हैं। कई बार लोग डिप्रेशन के कारण लोग अपने आप मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस करने लगते हैं यह गलत है।

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