काशीपुर: बंधक भूमि को नीलाम किए जाने की मूल पत्रावली तहसील रिकॉर्ड से गायब

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Published By Bhupesh Kanaujia
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काशीपुर, अमृत विचार। बंधक भूमि को नीलाम किए जाने की मूल पत्रावली तहसील के रिकॉर्ड से गायब हो गई। आरटीआई में जब पत्रावली की प्रति मांगी गई तो वह नहीं मिली। सूचना आयोग के निर्देश पर सहायक राजस्व लेखाकार ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें नीलामी से भूमि प्राप्त करने वाली महिला पर शक जताया गया है।

जुड़का नंबर दो निवासी सरदारा सिंह ने अपनी भूमि खसरा नंबर 184/5 रकबा 0. 842 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में बंधक रखी थी। बैंक ऋण 77033 रुपये जमा न करने पर 31 जुलाई 2003 को तहसील प्रशासन ने यह जमीन नीलाम कर दी। नीलामी में यह जमीन ग्राम खरमासा  निवासी बीना ने प्राप्त की।

कार्रवाई पूर्ण होने के बाद पत्रावली को तहसील में सुरक्षित रखा गया। काशीपुर से नीलामी बाद मूल नीलामी पत्रावली का संग्रह अधिष्ठान कक्ष काशीपुर में सुरक्षित रख दी गयी। इसके बाद सरदारा सिंह की मृत्यु हो गई। सरदारा के पुत्र ओमप्रकाश ने दो मई, 2023 को उक्त भूमि की नीलामी की प्रक्रिया को गलत बताते हुए आरटीआई के तहत पत्रावली की प्रति मांगी। इस पर तहसील प्रशासन ने पत्रावली की खोजबीन शुरू की, लेकिन पत्रावली नहीं मिल पाई।

इस पर ओमप्रकाश ने राज्य सूचना आयोग की शरण ली। सूचना आयुक्त ने तहसीलदार को तलब किया तो बताया गया कि नीलामी से संबंधित मूल पत्रावली तहसील से गायब है। पत्रावली गायब होने में बीना की भूमिका पर शक जताया जा रहा है। तहसील प्रशासन ने पुलिस को तहरीर सौंपी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इस पर सूचना आयुक्त ने एसएसपी को पत्र लिखकर इस प्रकरण में केस दर्ज कराने को कहा। एसएसपी के निर्देश पर राजस्व लेखाकार उर्वादत्त रिखाड़ी की तहरीर पर पुलिस ने बीना आदि के खिलाफ शक के आधार पर केस दर्ज कर लिया है।

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