IPC-CrPC और साक्ष्य कानून के स्थान पर नए विधेयक जल्द होंगे पारित, शाह ने कहीं बड़ी बातें...
हैदराबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि तीन नए विधेयक संसद द्वारा जल्द ही पारित किए जाएंगे जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने आतंकवाद को बिल्कुल न बर्दाश्त करने की नीति अपनायी है।
यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीसी) के कैडेट की पासिंग आउट परेड के मौके पर शाह ने कहा कि ‘‘अब आतंकवाद को बिल्कुल न बर्दाश्त करने की नीति से आगे बढ़कर, बिल्कुल न बर्दाश्त करने की रणनीति और बिल्कुल न बर्दाश्त करने की कार्रवाई की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि भारत अंग्रेजों के शासन के दौरान बनाए गए कानूनों को खत्म कर रहा है और नए विश्वास और उम्मीदों के साथ नए युग में प्रवेश कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ब्रिटिश काल के दौरान 1850 के आसपास बनाए गए तीन कानून सीआरपीसी, आईपीसी तथा साक्ष्य अधिनियम हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रेरक शक्ति हैं। सरकार ने इन तीनों कानूनों में आमूल-चूल बदलाव किए हैं और देश की संसद के समक्ष तीन नए कानून पेश किए हैं।’’
उन्होंने कहा कि गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति तीन नए विधेयकों का अध्ययन कर रही है और उन्हें जल्द ही पारित किया जाएगा। शाह ने कहा कि नयी आपराधिक न्याय प्रणाली इन कानूनों के आधार पर शुरू होगी। उन्होंने कहा कि ‘‘पुराने कानूनों का मकसद ब्रिटिश प्रशासन की रक्षा करना था जबकि नए कानूनों का उद्देश्य लोगों के अधिकारों की रक्षा करना तथा जन अधिकारों को जनता तक पहुंचाने से रोकने वाली सभी ताकतों को हराना है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि आज पास होने वाला बैच सौभाग्यशाली है क्योंकि वह नए कानूनों के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा संभालने का काम शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि नए कानूनों को जमीनी स्तर पर और इसकी भावना के साथ लागू करने की पहली जिम्मेदारी आज पास होने वाले कैडेटों पर है। गृहमंत्री ने कहा कि उन्हें इन कानूनों की भावना समझनी होगी और जनता की रक्षा करनी होगी एवं उनके अधिकारों का संरक्षण करना होगा।
शाह ने कहा कि नए प्रावधानों में आतंकवाद, संगठित अपराध की नयी व्याख्या शामिल है और अंतरराष्ट्रीय गिरोहों को खत्म करने के लिए भी कई नए प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पुलिस को तकनीकी प्रावधानों को कानूनी जामा पहनाकर सशक्त किया जा रहा है। गृहमंत्री ने कहा कि जांच प्रक्रिया का डिजिटलीकरण किया जा रहा है और जांच की उचित प्रणाली बनाई जा रही है ताकि आरोपपत्र दाखिल करने की समयसीमा और फॉरेंसिक प्रावधानों का अमल सुनिश्चित किया जा सके।
शाह ने कहा कि नए कानून के तहत दोषसिद्धी दर बढ़ाने के लिए समयबद्ध योजना तैयार जा रही है और इन कानूनों के जरिये न्याय प्रणाली में कई बदलाव किए जा रहे हैं। केंद्र ने आईपीसी, सीआरपीसी तथा साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर क्रमश: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 का प्रस्ताव दिया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साहसी पुलिसकर्मियों के प्रयासों के कारण पिछले 10 साल में आतंकवाद, वामपंथी चरमपंथ और नक्सली हिंसा पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता मिली है लेकिन चुनौतियां अब भी हैं।
उन्होंने कहा कि संगठित अपराध, साइबर अपराध, अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध समेत कई नयी चुनौतियां हमारे सामने हैं। शाह ने कहा कि मादक पदार्थ तस्करी, क्रिप्टो करंसी के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने, हवाला करोबार और जाली मुद्रा के कारोबार जैसी चुनौतियों से उसी जज्बे से लड़ाई जारी रखने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले नौ साल में मोदी सरकार देश के तीन प्रमुख क्षेत्रों पूर्वोत्तर, वामपंथी चरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था सुधारने में सफल रही है।’’
शाह ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच इन तीन क्षेत्रों में हिंसा की 33,200 घटनाएं हुई थी जो पिछले नौ साल में घटकर 12 हजार हो गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंसा की घटनाओं में 63 प्रतिशत कमी और मौतों की संख्या में 73 प्रतिशत कमी लाकर आगे बढ़ चुके हैं।’’ केंद्रीय गृहमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से ‘‘ प्रतिक्रिया और कार्रवाई आधारित पुलिसिंग’ से आगे जाकर ‘‘ निवारक, पूर्वानुमान और अतिसक्रिय पुलिसिंग’’ की दिशा में बढ़ने का आह्वान किया, साथ ही समय के साथ बदलती परिस्थितियों के अनुरूप पुलिसिंग में भी बदलाव की अपील की। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से हमेशा देश के गरीब और वंचित वर्गों के प्रति संवेदनशील रहने और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए सक्रिय रहने को कहा।
महिला आरक्षण विधेयक के बारे में शाह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से महिला नीत विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल में देश की संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा, ‘‘महिला अधिकारी के नेतृत्व में आज संपन्न हुआ पासिंग आउट परेड और प्रधानमंत्री मोदी की महिला नीत विकास की थीम का प्रसार देश के हर गांव में होगा।’’ देश की सुरक्षा पर शाह ने कहा कि सरकार ने ‘वन डाटा, वन इंट्री’ के सिद्धांत के आधार पर आंतरिक सुरक्षा के प्रत्येक क्षेत्र में डाटाबेस बनाने की दिशा में काम किया है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न डाटाबेस के एकीकरण और आपसी संचार की व्यवस्था भी की जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इसके अलावा सभी एजेंसियों की डाटा विश्लेषण की क्षमता को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे इन डाटाबेस, इनके विश्लेषण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर पुलिस को दो कदम आगे रखें।
शाह ने कहा कि 77 आरआर बैच के प्रशिक्षु अधिकारी प्रधानमंत्री मोदी के ‘अमृत काल’ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे। दीक्षांत परेड में 155 प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी और 20 प्रशिक्षु विदेशी अधिकारियों समेत कुल 175 प्रशिक्षु अधिकारियों ने भाग लिया। सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक अमित गर्ग ने भी समारोह को संबोधित किया ।
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