हल्द्वानी: एसटीएच के हाथ से निकली केंद्रीय लैब, अब निजी हाथों में 

Amrit Vichar Network
Published By Bhupesh Kanaujia
On

हल्द्वानी, अमृत विचार। सालों से जिस केंद्रीय लैब का संचालन सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल (एसटीएच) कर रहा था, वो लैब अब उसके हाथ से निकल कर निजी हाथों में पहुंच चुकी है। ये फैसला मरीजों को सहूलियत पहुंचाने के लिए लिया गया है। हालांकि निजी हाथों में गई लैब सरकारी दर पर ही जांच करेगी। मंगलवार से कंपनी ने लैब के अंदर नई मशीनों के इंस्टॉलेशन का काम शुरू कर दिया है।

शासन ने कुछ समय पहले एसटीएच की केंद्रीय लैब को निजी कंपनी को सौंपने का फरमान जारी किया था। इसके पीछे का मकसद मरीजों को त्वरित जांच सुविधा मुहैया कराना है। अस्पताल पहुंचकर कंपनी कर्मचारियों ने केंद्रीय लैब में अत्याधुनिक मशीनों के इंस्टॉलेशन का काम शुरू कर दिया है।

इसके साथ ही ब्लड कलेक्शन सेंटर की मरम्मत का भी काम जोरों से चल रहा है। मंगलवार को कलेक्शन सेंटर में मरम्मत कार्य के चलते मरीजों के ब्लड सैंपल बाहर काउंटर लगाकर लिये गये। संभावना है कि कंपनी सैंपल कलेक्शन सेंटर और रिपोर्टिंग काउंटर की जगह बदल सकती है। 
 

अस्पताल प्रबंधन के अनुसार निजी कंपनी नवंबर माह के पहले या दूसरे सप्ताह तक केंद्रीय लैब का संचालन शुरू कर देगी। लैब में पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों के अलावा कंपनी के कर्मचारी भी रहेंगे। इससे जहां मरीजों के ब्लड सैंपल लेने में आसानी होगी। वहीं खून की जांच व रिपोर्टिंग भी समय पर हो पायेगी।

कई नई जांचें भी हो सकती हैं शुरू
एसटीएच की केंद्रीय लैब जिस निजी कंपनी को सौंपी गई है वह अस्पताल में कई प्रकार की नई जांचें जो शुरू कर सकती है, जो अब तक नहीं होती थीं। जिसका आने वाले समय में मरीजों को काफी लाभ मिलेगा। बता दें कि एसटीएच में विटामिन डी, आयरन प्रोफाइल, एलर्जी और ईएनटी से संबंधित कई जांचें नहीं होती हैं। जिस कारण मरीजों को बाहर निजी लैबों में महंगे दाम चुकाकर जांच कराने को मजबूर होना पड़ता है।

हाथ से लिखी नहीं...कम्प्यूटर से निकलेगी रिपोर्ट
वर्तमान में एसटीएच में मरीजों को खून की जांच के बाद हाथ से लिखी रिपोर्ट दी जाती है। कई बार रिपोर्ट गलत होने पर दोबारा जांच करानी पड़ती है। निजी कंपनी के केंद्रीय लैब संचालन के बाद से मरीजों को हाथ से लिखी नहीं, बल्कि कम्प्यूटर से निकली रिपोर्ट दी जायेगी। ओपीडी में मरीज जिन जांचों के लिए पैसे चुकायेंगे, वही जांच की जायेगी। कई बार दो जांचों की बिलिंग कराने के बाद मरीज की विभिन्न जांच हो जाती हैं। 


शासन ने एसटीएच की केंद्रीय लैब को एक कंपनी को सौंप दिया है। अब वही मरीजों के सैंपल की जांच करेगी। लैब में अस्पताल व कंपनी के कर्मचारी मिलकर काम करेंगे। जिसका मरीजों को लाभ मिलेगा।
- डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी