सुहेलदेव एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने का मामला: इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही से हुआ हादसा, कइयों पर लटकी तलवार

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
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प्रयागराज। प्रयागराज जंक्शन के आउटर पर बीते मंगलवार को सुहेलदेव एक्सप्रेस के इंजन और पावर कार के पटरी से उतरने के मामले में की गयी जांच में इंजीनियरिंग विभाग की खामियां पाई गई हैं। इस मामले में रेलवे की चार सदस्यीय टीम जांच कर रही थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर यह माना जा रहा है कि कुछ कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। 

सुहेलदेव एक्सप्रेस पर मंगलवार की रात प्रयागराज जंक्शन के दिल्ली आउटर पर रातभर ट्रैक दुरुस्त करने का काम चलता रहा। इस दौरान मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का रेलवे द्वारा गठन किया गया। इसमें सीनियर डीएससी, सीनियर डीएमई सीएनडब्ल्यू, सीनियर डीईई ऑपरेशन और सीनियर डीईएन शामिल रहे। इस बीच सिगनल, ऑपरेटिंग, लोको, कैरेज एंड वैगन, आरपीएफ और इंजीनियरिंग विभाग की ओर से एक संयुक्त रिपोर्ट भी बुधवार को बनाई गई थी।

सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में इंजीनियरिंग विभाग की ही लापरवाही सामने पाई गई है। जिस ट्रैक पर ट्रेन पटरी से उतरी वहां ईक्यूआरएस यानी गिट्टी बदलने का काम चल रहा था। जो कि इंजीनियरिंग विभाग द्वारा कराया जा रहा था। दो ट्रैक के बीच गिट्टी का ढेर लग हुआ था।

जब ट्रेन वहां से गुजरी तो ट्रैक पर पड़े गिट्टी के ढेर से इंजन के पहिए टकराते हुए पटरी से सरक गए और तेज आवाज के साथ इंजन और उसके पीछे पावर कार (जेनरेटर यान ) पटरी से उतर गया। वहां गिट्टी हटाने व उसके स्थान पर नई गिट्टी डालने का कार्य इंजीनियरिंग विभाग के पीडब्ल्यूआई द्वारा ही किया जा रहा था। सभी के जांच
रिपोर्ट के आधार पर इंजीनियरिंग विभाग के कुछ कर्मचारियों पर तलवार लटकी हुई है।

मामले पर जानकारी देते हुए प्रयागराज मंडल के मंडल रेल प्रबंधक हिमांशु बडौनी ने बताया कि इस घटना में दोषी कौन है यह कहना अभी ठीक नहीं होगा। क्योंकि, इस मामले में जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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