हल्द्वानी: बॉटल नेक पर संकट, संकरी सड़क पर अव्यवस्था का संक्रमण

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। भारी यातायात का बोझ झेलने वाली बेहद संकरी मंगलपड़ाव से लेकर बेस चौराहे तक की सड़क (बॉटल नेक) से अव्यवस्था का संक्रमण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को भी बॉटल नेक का यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा। सुबह से शुरू हुई जद्दोजहद में मुसाफिरों का पूरा दिन गुजर गया और पुलिस की सुस्ती पर ऑटो व टुकटुक चालकों की मनमानी हावी रही। 

बरेली रोड और रामपुर रोड की ओर जाने वालों को बॉटल नेक से होकर गुजरना पड़ता है, जिसमें शहरियों के साथ कई राज्यों से आने वाले पर्यटक भी शामिल हैं। इस सड़क पर दो तरफा अस्थाई अतिक्रमण है। उस पर बाहरी राज्य से आने वाले पर्यटक अपने चार पहिया वाहन दूसरे वाहनों के पीछे रखने के बजाय ओवरटेक कर आगे निकलना चाहते हैं जिससे जाम लगता है।

मंगलपड़ाव से बेस चौराहे तक टुकटुक और ऑटो पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं, लेकिन शुक्रवार को पुलिस की मौजूदगी में चालकों ने जमकर मनमानी की। सड़क से सटी दुकानों आने वाले अपने वाहन सड़क पर खड़े करते हैं, फिर वह दो पहिया हो या चार पहिया। इससे सड़क का बड़ा हिस्सा घिर जाता है और यातायात ठहर जाता।

इन्हीं अव्यवस्थाओं के बीच सुबह से यातायात का जो रेंगना शुरू हुआ तो वह पूरे दिन जारी रहा। एसपी सिटी हरबंस सिंह का कहना है कि यातायात को लेकर कोतवाली पुलिस को सख्त चेतावनी दी गई है। यदि स्थिति नहीं सुधरती तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। 


रोडवेज की बसें जाम की बड़ी वजह
हल्द्वानी : रोडवेज की बसें यातायात में बड़ी बाधक हैं। कुछ माह पूर्व पुलिस ने इन बसों के सड़क पर रुकने पर प्रतिबंध लगा दिया था और सड़क पर खड़ी हालत में मिलने वाली बसों के ताबड़तोड़ चालान किए गए थे। कुछ समय तो सब ठीक था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई थमते ही बस चालकों ने मनमानी शुरू कर दी। मंगलपड़ाव, सिंधी चौराहा, कालाढूंगी और रोडवेज गेट के बाहर ही बस चालक सवारियां उतारते हैं, जो जाम का कारण बनाता है। 


पैदल सड़क पर, फुटपाथ पर कब्जा
हल्द्वानी : इस सड़क पर कहीं फुटपाथ नजर आता है तो अग्रसेन चौक से लेकर कालाढूंगी तिराहे तक महिला अस्पताल की ओर, लेकिन अब फुटपाथ पर कब्जा हो चुका है। अग्रसेन चौक के बाद स्थाई दुकानदारों ने फुटपाथ पर कब्जा किया है तो महिला अस्पताल के बाहर फल, बीज और अखरोट बेचने वालों का कब्जा है। इसके चलते पैदल चलने वालों को यातायात के साथ सड़क पर चलना पड़ता है, जो कभी भी हादसे का सबब बन सकता है। 

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