बरेली: महिला अस्पताल में हुए हादसे की विभागीय टीम नहीं, विद्युत सुरक्षा विभाग करेगा जांच

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
On

बरेली, अमृत विचार। जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट) में आग लगने की घटना की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाई गई टीम को जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने खारिज कर दिया।

उन्होंने निर्देश दिया कि घटना की पूरी जांच विद्युत सुरक्षा विभाग को दी जाए। उन्होंने एसएनसीयू भवन के निर्माण की भी जांच का निर्देश दिया।

कहा, जांच में अगर भवन में कोई कमी पाई जाए तो निर्माण करने वाली संस्था की भी जवाबदेही तय की जाए। जिलाधिकारी ने एसएनसीयू में मरम्मत और सुरक्षा मानकों की जांच पूरी होने तक उसमें बच्चों को भर्ती न करने का भी निर्देश दिया।

महिला अस्पताल के एसएनसीयू में मंगलवार सुबह शॉर्ट सर्किट के बाद अचानक आग लग गई थी। इससे इस यूनिट में भर्ती 11 नवजात शिशुओं के साथ अंदर मौजूद स्टाफ की भी जान खतरे में पड़ गई थी।

आग बुझने के बाद आनन-फानन सात बच्चों को बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था लेकिन रास्ते में हालत बिगड़ने के बाद एक बच्चे की मौत हो गई थी। इस भीषण दुर्घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उस पर रात तक लीपापोती की कोशिश करते रहे। यहां तक कि न प्रशासन को सूचना दी न विभागीय उच्चाधिकारियों को। देर रात मामला जानकारी में आने के बाद प्रशासन की टीम ने महिला अस्पताल का दौरा किया था।

बुधवार सुबह जिलाधिकारी महिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने एसएनसीयू का निरीक्षण करने के बाद सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह से जांच के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि इसके लिए विभागीय कमेटी बनाई गई है।

जिलाधिकारी ने विभागीय जांच को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विभाग की टीम के बजाय इस पूरी घटना की जांच की जिम्मेदारी इलेक्ट्रिक सेफ्टी विभाग को दी जाए। उन्होंने महिला अस्पताल के सीएमएस से पूछा कि एसएनसीयू भवन का निर्माण किस संस्था ने किया है। सीएमएस ने पता करके बताया कि निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को दी गई थी जिसने जल आकाश फर्म से निर्माण कराया है।

जिलाधिकारी ने इस पर भवन निर्माण की भी जांच का आदेश दिया। कहा, अगर जांच में यह पाया जाए कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता ठीक नहीं थी तो निर्माण करने वाली संस्था से भी जवाब मांगा जाए।

एसएनसीयू के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सीएमएस को आदेश दिया कि मरम्मत का काम और सुरक्षा मानकों की जांच पूरी होने तक बच्चों को भर्ती न किया जाए। स्टाफ ने बताया कि बुधवार सुबह दो बच्चे भर्ती कर लिए गए हैं। इस पर उन्होंने उन्हें फौरन बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर करने को कहा।

सीएमओ से किया सवाल- कोई साफ छवि का एसीएमओ है आपके पास
एसएनसीयू के निरीक्षण के दौरान घटना की जांच के बारे में बात करने के दौरान जिलाधिकारी ने अचानक सीएमओ से पूछा कि कोई साफ छवि का एसीएमओ उनके पास है। इस पर हड़बड़ाए एसीएमओ सीधा जवाब नहीं दे पाए।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि विभागीय जांच टीम में किसी साफ छवि के एसीएमओ को ही शामिल किया जाए जिसकी जिम्मेदारी इस घटना से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की होगी। उन्होंने सीएमओ को भी जांच में पूरी पारदर्शिता रखने और सहयोग करने का निर्देश दिया।

मरीजों से पूछा- इलाज के पैसे तो नही लिए जाते
जिलाधिकारी निरीक्षण के दौरान ओपीडी में भी पहुंचे और यहां रजिस्टर चेक किया। मरीजों से पूछा कि इलाज के लिए उनसे यहां पैसे तो नहीं लिए जाते। मरीजों ने इससे इन्कार कर दिया। ओपीडी के बाद वह सीएमएस कार्यालय स्थित मेडिकल स्टोर पहुंचे तो वहां ताला लटका था। इस पर उन्होंने सीएमएस डॉ. त्रिभुवन प्रसाद से फौरन फार्मासिस्ट को बुलाने को कहा। ताला खुलने के बाद उन्होंने दवाओं का स्टॉक चेक किया जो दुरुस्त पाया गया।

ये भी पढ़ें - बरेली: टैक्ट्रर ने मारी बाइक सवार को टक्कर, एक मौत, दो घायल 

संबंधित समाचार