बिलकिस बानो मामला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिश्तेदारों ने पटाखे जलाकर मनाईं खुशियां, गवाह ने कहा- आज मिला न्याय

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
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दाहोद। बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सोमवार को बानो के कुछ रिश्तेदारों ने दाहोद जिले के देवगढ़ बारिया शहर में पटाखे जलाए। इस मामले के एक गवाह ने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि बानो को आज न्याय मिला। 

मामले के गवाहों में से एक अब्दुल रजाक मंसूरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इस मामले में एक गवाह हूं। इन 11 दोषियों को महाराष्ट्र की एक अदालत ने सजा सुनाई थी। उन्हें रिहा करने का गुजरात सरकार का फैसला गलत था। इसलिए हमने उसे अदालत में चुनौती दी थी।" मंसूरी अभी देवगढ़ बारिया में रहते हैं।

उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है और दोषियों को आत्मसमर्पण करने को कहा है। मुझे लगता है कि हमें आज न्याय मिला है।" बिलकिस बानो के दूर के कुछ रिश्तेदार देवगढ़ बारिया में रहते हैं। 

उच्चतम न्यायालय का फैसला टीवी चैनलों पर आते ही उनमें से कुछ लोगों ने फैसले का स्वागत करते हुए पटाखे चलाए। गोधरा में 2002 में ट्रेन अग्निकांड के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों के दौरान बिलकीस बानो 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं। उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनकी तीन साल की बेटी सहित परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। 

गुजरात सरकार ने इस मामले के सभी 11 दोषियों को सजा में छूट देकर 15 अगस्त, 2022 को रिहा कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने सजा में दी गई छूट को सोमवार को रद्द कर दिया और दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि गुजरात सरकार को छूट का आदेश पारित करने का अधिकार नहीं था। 

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