एनजीओ के नाम पर 58 करोड़ हासिल की विदेशी फंडिंग, संचालक अबू सालेह को एटीएस ने दबोचा, अकाउंट सीज
अमृत विचार लखनऊ : भारत में अवैध तरह से विदेशी लोगों की घुसपैठ कराने मैं अपनी अहम भूमिका निभाने वाले एक एनजीओ संचालक को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने दबोचा है। अबू सालेह नाम के इस आरोपी ने अपने एनजीओ के माध्यम से 58 करोड़ की विदेशी फंडिंग हासिल की है। इस बात की जानकारी एटीएस को मिली थी। इसके बाद यह कार्रवाई की गई आरोपी को जहां गिरफ्तार किया गया वहीं उसका अकाउंट भी सीज किया गया है।
आरोपी अबू सालेह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। यूपी एटीएस की टीम ने उसे आलमबाग इंटर कॉलेज, मानक नगर से गिरफ्तार किया हैं। बता दें की एटीएस के अधिकारियों ने बताया की काफ़ी समय से सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुछ व्यक्तियों द्वारा एक सिंडिकेट बनाया गया है, जो अवैध घुसपैठियों को उनकी पहचान छिपाकर, फर्जी भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारत में आवासित कराता है एवं उनको आर्थिक सहयोग कर, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। इस आसूचना को एटीएस उत्तर प्रदेश द्वारा भौतिक एवं इलैक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से विकसित किया गया। विकसित सूचना के आधार पर थाना एटीएस में मुक़दमा दर्ज़ किया गया था।
इसके बाद ₹6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार आरोपियों में अदिलुर रहमान असरफी पुत्र हबीबुल रहमान असरफी निवासी ढाका, बांग्लादेश, अबु हुरैरा गाजी पुत्र अब्दुल्ला गाजी निवासी नॉर्थ 24 परगना, प. बंगाल, शेख नजीबुल हक पुत्र शेख अब्दुल कादिर निवासी 24 परगना साउथ, प. बंगाल, तानिया मंडल पुत्री खालिक मंडल मूल निवासी पिरोजपुर, बांग्लादेश ।इब्राहिम खान पुत्र मन्नान खान मूल निवासी बांग्लादेश । मोहम्मद अब्दुल अव्वल पुत्र मोती-उर-रहमान निवासी जनपद गोलपारा, आसाम को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेजा जा चुका है। अब अबू सालेह को गिरफ्तार किया गया है।
कई ट्रस्टों का मालिक है अबू सालेह
एटीएस की पूछताछ में अभियुक्त अबू सालेह ने बताया कि वह हरोआ-अल जमियातुल इस्लामिया दारूल उलूम मदरसा एवं कबीरबाग मिल्लत एकेडमी के नाम की ट्रस्टों का संचालक है। इन ट्रस्टों के FCRA खातों में विदेशों (उम्मा वेलफेयर ट्रस्ट, यूके) से भारी मात्रा में वर्ष 2018 से 2022 तक लगभग 58 करोड़ की फंडिंग प्राप्त हुई है। यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि पूर्व में उक्त उम्मा वेलफेयर ट्रस्ट, जिस पर टेरर फंडिग में संलिप्तता का आरोप लगने के कारण यू.एस. ने इसके कार्यों को अपने यहाँ पर प्रतिबन्धित कर दिया था। बताया प्राप्त विदेशी फंड के एक बड़े हिस्से को अपनी टीम के सदस्यों से फर्जी बिलिंग कराकर नगद के रूप में प्राप्त कर लेता है।
इसके अतिरिक्त अब्दुला गाजी नामक व्यक्ति के साथ मिलकर एक गाजी फूड्स सप्लाई एवं गाजी मैसनरीज नाम से फर्जी फर्म बनाकर भी बिलिंग की गयी है। यह फर्म केवल कागजों में विद्यमान है। साथ ही कुछ धन हवाला के माध्यम से भी कैश के रूप में भी प्राप्त किया गया है। प्राप्त कैश का उपयोग अपने सिंडिकेट के माध्यम से अवैध रूप से रोहिंग्याओं एवं बांग्लादेशियों की भारत में घुसपैठ कराने, भारत में अवैध रूप से रह रहें रोहिंग्याओं एवं बांग्लादेशियों की आर्थिक सहायता करने, फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाने एवं हवाला के माध्यम से उस पैसे को भारत के विभिन्न राज्यों में भेज कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में प्रयोग किया जाता है।
गिरफ्तार अबू सालेह का ये हैं ब्योरा
गिरफ्तार अभियुक्त का नाम अबू सालेह हैं पता मंडल पुत्र ओदुद मंडल भिकुटिया, थाना स्वरुपनगर, नार्थ 24 परगना, पश्चिम बंगाल हैं । उम्र -लगभग 50 हैं, वर्ष शैक्षिक योग्यता मौलाना की पढ़ाई दारुल उलूम मदरसा, देवबंद से की है।
यूपी एटीएस की टीम होगी सम्मानित
इस गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस अपनी बड़ी कामयाबी मान रही है। कार्रवाई में शामिल पूरी टीम को सम्मानित करने का ऐलान किया गया। इसके लिए ₹50000 की राशि निर्धारित की गई है।
ये हुआ बरामद
• रूपये 1,16,976/- नकद,
• अलग अलग जन्म तिथि के स्वयं के 2 आधार कार्ड
• 2 अदद मोबाइल फोन।
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