दिग्विजय के भाई लक्ष्मण राम मंदिर पर केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से असहमत, कमलनाथ ने बताई निजी राय 

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Published By Vishal Singh
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भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और राज्य के चाचौड़ा से पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह के श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से असहमति जताने को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनकी निजी राय बताया है। 

कमलनाथ ने आज इस संबंध में संवाददाताओं से कहा कि इस संबंध में सबकी अपनी-अपनी राय हो सकती है। हालांकि धर्म का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। धर्म को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। दरअसल इसके पहले श्री लक्ष्मण सिंह ने अपने बयान में कहा था कि राम मंदिर को लेकर दशकों से जिन्होंने लड़ाई लड़ी है, उससे जुड़े निर्णय वे ही करेंगे। उन्होंने ही हर निर्णय लिया है। इसी क्रम में श्री सिंह ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के संदर्भ में कहा था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने का क्या मतलब है। इससे हम क्या संदेश दे रहे हैं। जब स्वर्गीय राजीव गांधी ने मंदिर का ताला खुलवाया था, तो आप कौन हैं मना करने वाले। 

उन्होंने यहां तक कहा कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व अगर इस प्रकार की सलाह देने वाला सलाहकार रखेगा तो ऐसे ही परिणाम आएंगे, जैसे आ रहे हैं। कांग्रेस की ओर से दो दिन पहले जारी किए गए बयान के अनुसार पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को 22 जनवरी को होेने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण प्राप्त हुआ था, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया है। इसके बाद से इस विषय पर विवाद शुरु हो गया है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। वहीं कांग्रेस के भी कई नेता इसके विरोध में बयान दे रहे हैं। 

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