लखनऊ में आर्मी के जवानों ने 8 हजार फिट ऊपर आसमान से लगा दी छलांग, 10 मिनट में दुश्मन के ठिकाने ध्वस्त कर पकड़ लिए जिंदा आतंकी
अमृत विचार लखनऊ। राजधानी लखनऊ में सोमवार को सीमा पार से आतंकियों ने हमला कर दिया, हमले की जानकारी मिलते ही तत्काल इंडियन आर्मी अलर्ट हो गई। इस दौरान हेलीकाप्टर पर बैठे जवानों ने आठ हजार फिट ऊपर आसमान की ओर से दुश्मन के ठिकाने पर उतरने के लिए छलांग लग दी। काल बनकर जवान इस कदर दुश्मन के सामने पहुंचे वह भी हैरान रह गये। इस दौरान मौके पर पहुंचें सेना के जवानों ने देखा कि आंतकियों ने अपना मजबूत ठिकाना बना रखा है। ऐसे में मौके पर भारी संख्या में पहुंचे आर्मी जवानों मुठभेड़ में आतकिंयो को कड़ी टक्कर देते हुए दुश्मन के अड्डे खीचकर बाहर निकाल लिया।
यहीं नहीं आंतिकयों के ठिकाने को बम से उड़ा दिया। इस दौरान सेना ने मोकै से दो जिंदा आंतकी भी पकड़ लिए और उनकों अपने हेलीकाप्टर के माध्यम से आसमानी रास्ते लेकर चली गई। दरअसल ये कोई रियल घटना नहीं थी सोमवार को थल सेना दिवस के मौके पर भारतीय सेना के जवानों ने अपना ये पराक्रम दिखाया तो सभी हैरान रह। हेलीकॉप्टर की गड़गड़हट और गोलाबारी के बीच सेना के जवानों ने ऐसा प्रदर्शन किया मानो कोई युद्ध छिड़ गया हो। इस आयोजन से सेना ने एक बार फिर भारत की जनता को एहसास कराया कि वह पूरी तरह से सुरक्षित है। इस आपरेशन में 12 भारतीय सेना के जवानों ने अंजाम दिया।
इस प्रदर्शन को दिखाने के लिए सेना के जवानों ने लखनऊ मध्य कमान के सूर्या खेल परिसर में आयोजित इस थल सेना दिवस कार्यक्रम के दौरान 'शौर्य संध्या' का भी आयोजन किया गया। जिसमें एसयू-30 एमकेआई, सूर्य किरण एरोबेटिक टीम और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टरों ने आसमान को रोशन किया। बता दें कि 15 जनवरी, 2024 को 76वें सेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, उत्तर प्रदेश के लखनऊ छावनी में एक सैन्य और युद्ध प्रदर्शन 'शौर्य संध्या' का आयोजन सोमवार को किया गया।
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— amrit vichar (@amritvicharlko) January 15, 2024
लखनऊ मध्य कमान के सूर्या खेल परिसर में थल सेना दिवस पर 'शौर्य संध्या' का आयोजन pic.twitter.com/TdiTZ5jRBP
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख स्टाफ जनरल मनोज पांडे, नागरिक आमंत्रितों और सैन्य कर्मियों ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जिसमें कलारीपयेट्टू, गतका जैसे मार्शल आर्ट प्रदर्शन और उत्तर पूर्व योद्धाओं का प्रदर्शन दिखाया गया।
डेयर डेविल्स व मोटर साइलकिल टीम ने किया रोमांचक प्रदर्शन
भारतीय सेना की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम के रोमांचक प्रदर्शन के साथ-साथ रिमाउंट वेटरनरी कोर के आठ घोड़ों की टेंट पेगिंग और ट्रिक राइडिंग ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्थिर प्रदर्शन में आकाश मिसाइलें, K9 वज्र, एंटी-ड्रोन उपकरण, बोफोर्स बंदूकें, तोपखाने हथियार प्रणाली और भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य उपकरण और तकनीक शामिल थे।
सेना के इतिहास में जुड़ गया ये अध्याय
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रक्षा मंत्री ने देश की सुरक्षा में पूर्व सैनिकों के योगदान को स्वीकार करना और उनका सम्मान करना लोगों की नैतिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी बताया। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने पहले दिन का पोस्टल कवर भी लॉन्च किया। जो एक सेना के इतिहास में नया अध्याय जुड़ गया। इससे इससे पहले दिन में, 76वीं सेना दिवस परेड ठाकुर श्योदत्त सिंह परेड ग्राउंड, 11 जीआरआरसी, लखनऊ में आयोजित की गई थी। थल सेनाध्यक्ष ने परेड की समीक्षा की और वीरता पुरस्कार प्रदान किये। परेड में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और अन्य वरिष्ठ सैन्यकर्मी शामिल हुए।
रक्षा मंत्री ने बताया भारतीय सैनिक का महात्व
इस मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा जो देश के सांस्कृतिक मूल्यों में निहित है। उन्होंने देशभक्ति, साहस, मानवता और भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा को एक सैनिक के चार सबसे महत्वपूर्ण गुण हैं। रक्षा मंत्री ने कहा ''मैं रहूं या न रहूं, मेरा देश सुरक्षित रहे'' की भावना के साथ मातृभूमि की रक्षा करने वाला सैनिक एक अनुकरणीय देशभक्त होता है। यही देशभक्ति सैनिक को साहस प्रदान करती है।
दुश्मन के सैनिकों के साथ भी दिखाई इंसानियत
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों और आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव में हमारे सैनिकों का योगदान, साथ ही 1971 के युद्ध के दौरान उन्होंने 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ जिस सम्मान के साथ व्यवहार किया, वह इस बात का प्रमाण है कि हममें मानवता है। उन्होंने कहा कि अपने ही पड़ोस में, हम सेना और उनके संवैधानिक मूल्यों के बीच अलगाव देख सकते हैं। लेकिन, संवैधानिक मूल्यों के प्रति भारतीय सेना की भक्ति अतुलनीय है और सभी इसे स्वीकार करते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा भारतीय सेना न केवल परंपरा पर ध्यान केंद्रित कर रही है, बल्कि नए नवाचारों और विचारों के माध्यम से सकारात्मक बदलाव भी ला रही है। उनका विचार था कि परंपरा को जड़ता की स्थिति में स्थापित नहीं किया जा सकता; इसे निरंतर प्रवाहित होना चाहिए और बदलते समय के अनुसार ढलना चाहिए।
आधुनिक हथियारों व प्रौद्योगिकियों से लैस हो रही भारतीय सेना
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का दिल्ली के बाहर सेना, नौसेना, वायु सेना दिवस आयोजित करने का निर्णय देश की परंपरा के प्रतीक, साथ ही सैन्य प्रगति के प्रतीक समारोहों को ले जाने के विचार पर आधारित है। लोग। “देश अब देख रहा है कि कैसे हमारी सेना लगातार ड्रोन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित आधुनिक हथियारों/प्रौद्योगिकियों से लैस हो रही है, साथ ही सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका भी बढ़ रही है। हर व्यक्ति को सेना में शामिल होने का अवसर नहीं मिलता है, लेकिन जिन लोगों ने आज का कार्यक्रम देखा, वे देश की रक्षा के लिए हमारी सेना की तैयारियों का अनुभव कर सके। इससे लोग हमारे सैनिकों के करीब आये हैं।' यह निश्चित रूप से हमारे युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने या हमारे सैनिकों के समान समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगा।
सुरक्षा के लिए सरकार दे रही मजबूत बजट
राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों को मजबूत करने के सरकार के अटूट संकल्प को व्यक्त किया और कहा कि वित्त मंत्रालय बिना किसी हिचकिचाहट के रक्षा मंत्रालय द्वारा मांगी गई धनराशि जारी करता है, जो सैनिकों के प्रति सरकार के समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल सेवारत सैनिकों, बल्कि पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, चाहे 'वन रैंक वन पेंशन' योजना हो या स्वास्थ्य देखभाल और पुनः रोजगार के अवसर प्रदान करना हो, दिग्गजों की भलाई के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इस लिए मनाया जाता है सेना दिवस, लखनऊ मनाने का ये था उद्देश्य
बता दें कि भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा की उपलब्धियों की याद में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। 1949 में आज ही के दिन, 1947 के युद्ध में भारतीय सेना को जीत दिलाने वाले जनरल करिअप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर एफआरआर बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली और आजाद भारत के वह पहले कमांडर-इन-चीफ बने। ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये स्वयं निर्णय लिया की जब भारतीय सेना में भारत के सभी क्षेत्रों के लोग शामिल हैं तो क्यों न इसको अब उन लोगों को बीच मनाया जाये ऐसे में लखनऊ को चुना गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि यहां लोगों को सेना को करीब से जानने का अवसर मिला।
