पीलीभीत: अस्पतालों में व्यवस्थाएं बदहाल, कड़ाके की सर्दी में मरीज बेहाल
सौरभ सिंह, पीलीभीत। इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड और सर्द हवा के झोकों ने सबको बेहाल कर दिया है। मौसम की मार मेडिकल कॉलेज और सीएचसी में भर्ती मरीजों पर अधिक भारी पड़ रही है। दरअसल, मेडिकल कॉलेज और सीएचसी में बने वार्ड में न हवा रोकने की व्यवस्था है न ही पर्याप्त कंबल मरीजों को मिल पा रहे हैं। ऐसे में ठिठुरने को मजबूर हैं।
ब्लोअर और हीटर तो दूर की बात है, उन्हें भारी कंबल तक नहीं मिल पा रहे हैं। यह हाल तो तब हैं जब मुख्यमंत्री ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ठंड से बचाव की सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। बुधवार को मेडिकल कॉलेज और सीएचसी की हकीकत परखी गई तो व्यवस्थाएं बदतर मिली।
वार्ड से लेकर रैन बसेरा तक सभी जगह बदहाली देखने को मिली। यहां रुकना तो दूर की बात दो मिनट ठहरना भी मुश्किल होगा। कहीं खिड़कियों के शीशे टूटे हैं तो कहीं पर कंबल की व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते मरीज वहां ठिठुर रहे हैं। अलाव का इंतजाम भी दूर-दूर तक नहीं दिखता है। जिस वजह से मरीज और तीमारदारों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
मेडिकल कॉलेज के वार्डो में टूटी पड़ी खिड़की, मरीज बेहाल
कहने को मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज में बना हुआ है। जहां मरीजों को सुविधाएं देने का दावा किया जाता है। मुख्यमंत्री का आदेश होने के बाद भी मरीजों के वार्ड में हीटर ब्लोअर तो दूर की बात है। यहां वार्डो में खिड़की दरवाजे तक ठीक नहीं है। दो मंजिल पर बने वार्ड नंबर तीन में एक खिड़की टूटी पड़ी है। जिस वजह से रात में चलने वाली बर्फीली हवाओं के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
वहां भर्ती मरीजों ने इसको लेकर कई बार शिकायत की, तो वहां पर कागज के फट्टे को लगा दिया गया है। जिसमें हवा नहीं रुक रही है। किसी भी वार्ड में हीटर और ब्लोअर नहीं लगा है। इतना ही नहीं कई मरीजों को कंबल तक नहीं मिल रहे हैं। जिन्हें कंबल दिए जा रहे हैं। वह भी इतने पतले हैं। जिनमें ठंड नहीं रुक रही है। जबकि मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में मरीजों के लिए गर्म पानी और हीटर और ब्लोअर लगाने के लिए कहा था। मगर मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी अव्यवस्थाएं पूरी तरह हावी है।
रैन बसेरा भी बदहाल, शौचालय का टूटा पड़ा दरवाजा, कंबल की भी नहीं सुविधा
मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों के साथ आए तीमारदारों को ठंड में भटकना न पड़े। इसलिए मेडिकल कॉलेज में दो रैन बसेरा बनाए गए हैं। जिसमें एक पुरुष और दूसरा महिलाओं के लिए हैं।
जहां उनके रहने की व्यवस्था करने का दावा किया जा रहा है। वहां पर तीमारदारों के रुकने के लिए कोई सुविधा नहीं है। महिला रैन बसेरा में शौचालय के दरवाजे टूटे पड़े हैं। गर्म पानी करने वाली मशीन भी ठीक नहीं है। जिस वजह से तीमारदारों को ठंडा पानी पीना पड़ रहा है। इन रैन बसेरा में कंबल की सुविधा भी नहीं है। ऐेसे में तीमारदारदारों को अपने साथ कंबल लेकर आना पड़ता है।
अलाव की भी नहीं सुविधा
सर्दी में जहां मरीज और तीमारदारों को हीटर और ब्लोअर की सुविधा नहीं मिल रही है। वहीं मेडिकल कॉलेज में नगरपालिका की ओर से तीमारदारों के लिए ठंड में हाथ सेखने के लिए अलाव तक की कोई सुविधा नहीं है। जिस वजह से तीमारदार दिन भर इधर उधर भटकते रहते हैं। या फिर कूड़ा कचरा जलाकर ठंड से बचने की कोशिश करते हैं। मगर नगरपालिका की ओर से अलाव की कोई सुविधा मेडिकल कॉलेज में नहीं दी जा रही है।
नहीं मिला कंबल तो घर से मंगवाई रजाई
पूरनपुर जिले की सबसे बड़ी तहसील है। बड़ी संख्या में मरीज इलाज करने के लिए सीएचसी पूरनपुर पहुंचते हैं। मगर वहां इलाज के नाम पर मरीजों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है न ही ठंड से बचने के लिए मरीजों के लिए कंबल दिया जा रहा है। बुधवार को सीएचसी में भर्ती मोहल्ला रजागंज जरीना ने बताया कि अस्पताल में कंबल मुहैया नहीं कराया जा रहा है।
मजबूरी में घर से रजाई लाकर काम चलना पड़ रहा है। इसके अलावा तीमारदारों के लिए रैन बसेरा की सुविधा भी औपचारिकता पूर्ण की गई है। जिस वजह से वहां कोई ठहरना नहीं चाहता है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अनिकेत गंगवार ने बताया कि मरीजों को कंबल दिया जाता है। कुछ मरीज कंबल नहीं लेना चाहते हैं। इसलिए वह अपने घर से रजाई लेकर आते हैं।
कंबल इतना पतला, कि साहब ठंड लग रही
अमरिया सीएचसी में वार्ड तो पूरी तरह से दुरुस्त मिला। मगर महिला वार्ड में मरीजों को दिए जाने वाले कंबल इतने पतले हैं कि उनमें ठंड नहीं रुक रही है। जिस वजह से मरीजों के तीमारदार घर से कंबल और रजाई लेकर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री का आदेश होने के बाद भी वार्ड में हीटर आदि की कोई सुविधा नहीं की गई है। जिस वजह से मरीज दिन पर ठुठरते रहते हैं। साथ ही कई सुविधाएं भी नदारद मिली।
ठंड को देखते कई जगह हीटर की सुविधा की गई है। मरीजों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। वार्डो में खिड़की दरवाजे ठीक करा दिए गए हैं। अगर कोई ठीक होने से रह गया है। तो उसे ठीक कराया जाएगा। कंबल आदि भी दिए जा रहे हैं। कोई खामी है तो उसे भी दुरुस्त कराया जाएगा। अलाव के लिए नगरपालिका को कहा गया है--- डॉ. संजीव सक्सेना, कार्यावाहक प्राचार्य मेडिकल कॉलेज।
यह भी पढ़ें- पीलीभीत: ऐसे आए बिटिया की शादी में मेहमान... रुपए से भरा बैग ही लेकर हो गए रफूचक्कर, चार लोगों पर FIR
