Bareilly News: हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक का बरेली में भी जमीन विवाद से कनेक्शन
हल्द्वानी हिंसा के मास्टर माइंड पर पांच करोड़ का मुआवजा हड़पने का आरोप
बरेली, अमृत विचार। हल्द्वानी में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड बताए जा रहे अब्दुल मलिक का बरेली के भी एक जमीन विवाद से कनेक्शन निकल आया है। मामला सिविल एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहीत जमीन का है। आरोप है कि अब्दुल मलिक इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर पांच करोड़ का मुआवजा हड़पने में कामयाब हो गया। जमीन की दूसरी दावेदार मुरादाबाद की निशा कई साल पुराने इस मामले में अब दोबारा प्रशासनिक कार्रवाई शुरू करने की तैयारी कर रही है।
मुरादाबाद के बिराली में रहने वाली निशा का कहना है कि अब्दुल मलिक जमीनों पर कब्जा करने का पुराना मास्टरमाइंड है। उनकी खरीदी गई एक जमीन की कीमत भी वह हड़प चुका है। यह जमीन उन्होंने फरवरी 2013 में बरेली के मुड़िया अहमदनगर के पास खरीदी थी, जिस पर बाद में सिविल एयरपोर्ट का निर्माण हुआ। निशा के मुताबिक उनके नाम आने से पहले इस जमीन के छह-सात लोग हिस्सेदार थे। उनके जमीन खरीदने के बाद अगस्त 2013 में एयरपोर्ट के लिए जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो गई। इसी दौरान उन्हें सिविल कोर्ट से एक नोटिस जारी किया गया जिसमें कहा गया कि उन्हें जिन लोगों ने जमीन बेची है, उनके पूर्वज कई साल पहले ही उस जमीन की वसीयत अब्दुल मलिक के नाम कर चुके हैं।
निशा के मुताबिक यह विवाद शुरू होने के बाद मामला कोर्ट में चला गया। इस वजह से जमीन का करीब पांच करोड़ का मुआवजा भी अटक गया। भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने दोनों पक्षों से शपथपत्र लिया कि जिसके पक्ष में फैसला होगा, उसी को मुआवजे की धनराशि दी जाएगी। निशा का आरोप है कि अदालत का फैसला आने से पहले ही कोरोना काल में अब्दुल मलिक ने फर्जी कागजों के आधार पर खुद को भूस्वामी साबित करने में कामयाब हो गया और जमीन का सरकार के नाम बैनामा कर मुआवजा हड़प लिया था। निशा का कहना है कि कानूनी दावपेंच की समझ न होने के कारण वह वक्त शांत बैठ गई थीं। लेकिन अब इस मामले में जांच और न्याय के लिए कमिश्नर और डीएम से शिकायत करेंगी।
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