Lakhimpur Kheri News: जनपद में सिर्फ एक महिला को ही बनाया ड्रोन दीदी, ट्रेनर ने समूह से 16 हजार रुपए वसूले
लखीमपुर-खीरी, अमृत विचारः राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत गठित महिला समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराकर खेती में प्रयोग किए जाने की योजना फाइलों से आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभी तक ड्रोन दीदी के तौर पर सिर्फ पसगवां ब्लॉक की ग्राम पंचायत जमुनिया शहबाज के अनवी स्वयं सहायता समूह की सुनीता बावा को ड्रोन मिला है। इनकी आमदनी अभी आगे नहीं बढ़ पा रही है, लेकिन ट्रेनर ने समूह से 16 हजार रुपये लेने के बाद ड्रोन को अनलॉक किया।
जनपद खीरी कृषि प्रधान होने के कारण करीब छह लाख किसान परिवार खेती-किसानी से जुड़े हैं। खेती में रासायनिक उर्वरकों के अलावा नैनो उर्वरकों के प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है। लिक्विड फार्म में आने वाली नैनो यूरिया, नैनो डीएपी समेत कीटनाशकों का फसलों पर छिड़काव करने के लिए ड्रोन का उपयोग करना आवश्यक हो गया है।
इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ड्रोन दीदी बनाने की पहल वर्ष 2023 में जोरशोर से की गई थी। सूत्रों की माने प्रत्येक ब्लॉक में ड्रोन दीदी का चयन किया जाना था, लेकिन एक ब्लॉक पसगवां के एक समूह की महिला सदस्य को ड्रोन दीदी बनाया गया है। अन्य 14 ब्लॉकों में कई माह बीतने के बाद अभी तक ड्रोन दीदी का चयन नहीं किया गया है।
ऐसे में नैनो उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा दिए जाने की मुहिम फ्लाप होती नजर आ रही है। इससे 14 ब्लॉकों के किसान ड्रोन के अभाव में नैनो उर्वरकों का प्रयोग करने में सक्षम नहीं होंगे। वहीं महिला समूहों की आय में वृद्धि के प्रयास भी फाइलों से बाहर नहीं निकल पाएंगे। इस मामले में एनआरएलएम के उपायुक्त राजेंद्र कुमार श्रीवास ने बताया कि यह योजना कृषि विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। इसलिए समूहों की महिला का चयन करने की जिम्मेदारी कृषि विभाग की है। अभी तक एक महिला का चयन ड्रोन दीदी के तौर पर किया गया है।
ड्रोन से उर्वरकों के छिड़काव से मिल रहे अच्छे परिणाम
जनपद की पहली व एकलौती ड्रोन दीदी सुनीता बावा ने बताया कि दिसंबर 2023 में इफको द्वारा ड्रोन मिला था। साथ ही एक हांडा जनरेटर व तिपहिया आटो मिला है। प्रयागराज के फूलपुर स्थित इफको के प्लांट में ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था।
सुनीता ने बताया कि ड्रोन से अब तक करीब 20 एकड़ खेत में नैनो उर्वरक व कीटनाशक का छिड़काव किया है। इसका फसलों पर अच्छा परिणाम देखने को मिल रहा है। ड्रोन के जरिए फसलों पर उर्वरक व कीटनाशक का छिड़काव करने से किसानों की लागत में कमी आती है। अभी किसानों में जागरूकता कम है, जिससे आमदनी में अपेक्षा के मुताबिक सफलता नहीं मिली है।
जनपद में पसगवां के अलावा मितौली और लखीमपुर की एक-एक महिला को ड्रोन दीदी के तौर पर चयनित किया गया है और प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। अभी किन्ही कारणोंवश रोक लगाई गई है, जिससे मितौली व लखीमपुर में ड्रोन नहीं दिया गया है। 16 हजार रूपये ट्रेनिंग के जमा कराए गए हैं---एससी मिश्रा, उप महाप्रबंधक, इफको।