कासगंज: पंचायती राज विभाग में बड़ा घोटाला, 43 ग्राम पंचायतों ने निजी खाते में भेजी साढ़े दस लाख की धनराशि

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Published By Vikas Babu
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कासगंज, अमृत विचार: जिले के पंचायतीराज विभाग में सरकारी के धन के घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। यहां पंचायतीराज विभाग के सचिवों की  मनमानी से सरकारी धन का दुरप्रयोग हुआ। 43 ग्राम पंचायतों में गड़बड़ी हुई। पंचायत सचिवों के चेहते एक ही व्यक्ति के खाते में 71 बार अलग अलग धनराशि भेजी गई। अब तक साढ़े 10 लाख रुपये का गबन किया गया। 

मामले में शिकायत के बाद लंबी जांच चली और जब मामला तूल पकड़ता दिखाई दिया है तो बीते दिनों डीपीआरओ ने कार्यवाही की औपचारिकता है। इस गबन के आरोप में संलिप्त डीपीआरओ ने पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर रिकवरी के आदेश दे दिए, लेकिन अभी रिकवरी नहीं हुई है। 

जिले में सचिवों की मनमानी से यह बड़ा घोटाला हुआ है। जिले में सचिवों के पद तमाम रिक्त हैं ऐसे में एक ही सचिव पर कई कई ग्राम पंचायतों का चार्ज है और इसका अनुचित फायदा सचिव उठा रहे हैं। तभी तो 43 ग्राम पंचायतों पर तैनात नौ पंचायत सचिवों ने सरकारी धन में ही सेंध लगा दी। पंचायत सचिवों ने मनमानी की। 

विकास कार्यों के भुगतान के दौरान घोटाले की भी योजना बना ली और एक ही व्यक्ति के निजी खाते में धनराशि भेजने का सिलसिला शुरू कर दिया। जैसे ही पंचायत के विकास कार्यों की धनराशि भेजी जाती रही उसी में कुछ हिस्सा अवधेश कुमार नाम के व्यक्ति के खाते में पंचायत सचिव भिजवाते रहे और कानो कान इसकी भनक उच्च अधिकारियों को नहीं लगी। 

मामले में पिछले साल नवंबर माह में घोटाले की परतें खुलनी शुरू हुई। जब ग्राम प्रधानों ने इस मामले को तूल दिया तो खलबली मच गई। जिले के जागरूक नागरिक विजेंद्र कुमार ने इसकी शिकायत कमिश्नर से की। कमिश्नर ने जांच के आदेश डीएम को दिए। डीएम ने कार्यवाही कर आख्या मांगी तो पिछले दिनों डीपीआरओ कार्यालय से लीपापोती कर दी गई। कार्यवाही के नाम औपचारिकता रही। 

कारण यह भी था कि डीपीआरओ देवेंद्र सिंह प भी मिलीभगत का आरेाप शिकायत में लगा था। नियमानुसार घोटाले के दोषी सचिवों पर निलंबन और एफआईआर की कार्यवाही होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सिर्फ लगभग 10 दिन पहले रिकवरी का आदेश जारी कर दायित्वों से इतिश्री कर ली गई और रिकवरी भी हुई नहीं है। 

मामला पुराना है। जांच कराई गई। पिछले दिनों रिकवरी के आदेश कर दिए गए हैं। इस गड़बड़ी के दोषी सभी सचिवों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और रिकवरी कराई जा रही है--- देवेंद्र सिंह, डीपीआरओ।

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