हल्द्वानी: जेल के केक से मनाइए हैप्पी बर्थडे, खुले बाजार में बिकेंगे उत्पाद
हल्द्वानी, अमृत विचार। जेल की रोटी का नाम लेकर एक समय लोगों को डराया जाता था, लेकिन अब न तो जेल की रोटी कड़क है और न दाल में पानी। अब तो बंदी और कैदी भी घी वाली दाल खा रहे हैं। कुछ ही समय में आम लोग जेल में बने केक से हैप्पी बर्थडे मना सकेंगे।
जेल प्रशासन ने इसकी कार्य योजना तैयार कर ली है और जेल बेकरी का निर्माण शुरू होने वाला है। इस बेकरी में केक के साथ वह सभी उत्पाद बनाए और बेचे जाएंगे, जो बाजार की बेकरी में बनाए जाते हैं।
बता दें कि हल्द्वानी उपकारागार में पहले से ही बहुत सारे उत्पाद बनते हैं, जिन्हें खुले बाजार में उतारने की तैयारी है। इन उत्पादों में पेंटिंग से लेकर बेड, कुर्सी, गमला स्टैंड आदि शामिल हैं। इस ओर जेल प्रशासन ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। जेल के भीतर जेल बेकरी के निर्माण की तैयारी चल रही है। इस बेकरी में बनने वाला ब्रेड, केक, पेटीज व अन्य उत्पाद खुले बाजार में बेचे जाएंगे। यह जेल का अपना ब्रांड होगा। पुलिस मुख्यालय ने हल्द्वानी उपकारागार को बेकरी खोलने के लिए बजट और उपकरण दे दिए हैं। जल्द ही बेकरी उपकरण जेल में लगा दिए जाएंगे।
जेल अधीक्षक प्रमोद पांडेय की पहल पर बेकरी को उद्योग के तौर पर शुरू किया जा रहा है। इस बेकरी में काम करने वाले सभी बंदी और कैदी होंगे। बता दें कि उप कारागार में हमेशा बंदियों और कैदियों की संख्या 1500 से ऊपर होती है। जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में बनने वाले बेकरी उत्पादों में क्वालिटी का विशेष ध्यान दिया जाएगा।
साथ ही सफाई और उत्पादों की गुणवत्ता भी बाजार से अच्छी रखी जाएगी। बंदी, कैदियों को बेकरी उत्पाद बनाने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके लिए हल्द्वानी की बेकरी से संपर्क किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर बनेंगे बंदी और कैदी, सरकार को मिलेगा राजस्व
बेकरी के जरिये जहां जेल में बंद कैदियों और बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना है। वहीं सरकार को भी राजस्व देने की तैयारी है। जेल अधीक्षक प्रमोद पांडे ने बताया कि जेल मुख्यालय ने बेकरी उत्पाद बनाने के लिए मशीन और सामान खरीदने के लिए बजट जारी कर दिया है। एक-दो दिन में मशीन हल्द्वानी जेल पहुंच जाएंगी। इसे एक कमरे में स्थापित किया जाएगा। जिसके बाद जेल अपना ब्रांड बनाएगा। इसी ब्रांड के तहत बेकरी उत्पाद बाजार में बेचे जाएंगे।
अपराध छोड़ खुद का हुनर तराश रहे अपराधी
उप कारागार में सजायाफ्ता कैदियों और बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह की ट्रेनिंग क्लासेस चल रही हैं। ये ट्रेनिंग रोजगार के मद्देनजर दी जा रही हैं, ताकि जेल से रिहाई के बाद कैदी और बंदी अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। जेल में कंप्यूटर शिक्षा के साथ फर्नीचर बनाना, लोहे के उत्पाद बनाना, पेंटिंग बनाना, कपड़े सिलना जैसे कई काम सिखाए जा रहे हैं। जेल प्रशासन का प्रयास है कि बेकरी के साथ इन उत्पादों को भी खुला बाजार उपलब्ध कराया जाए।
