ट्रांसपोर्ट एजेंसी के कर्मचारियों और डॉक्टर ने पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक का बुना था जाल, सरगना सहित अब तक 396 गिरफ्तार

डीजीपी प्रशांत कुमार ने की प्रेस कांफ्रेंस, पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा को लेकर किए कई खुलासे

ट्रांसपोर्ट एजेंसी के कर्मचारियों और डॉक्टर ने पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक का बुना था जाल, सरगना सहित अब तक 396 गिरफ्तार

लखनऊ। लखनऊ में आज शुक्रवार को डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस की और सिपाही भर्ती परीक्षा के बारे में कई जानकारियों उपलब्ध कराईं। डीजीपी ने कहा कि जैसा कि आप सब को अवगत है कि पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा 2024 को आयोजित की गई थी। जिसको शासन ने भर्ती निरस्त की थी। इस परीक्षा के 6 माह बाद पुनः कराए जाने के निर्देश दिए गए थे। यूपी सरकार ने प्रकरण की जांच stf को सौंपी थी। इसको लेकर 178 अभियोग यूपी के अलग-अलग जगह में पंजीकृत किए गए। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में कुल 396 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। इस संबंध में तीन महत्वपूर्ण लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है। 

इस दौरान प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने में ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसमें डॉक्टर और पूर्व में कई परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले गिरोह के लोग शामिल हैं। ‌ डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि हमने बड़े पैमाने पर कार्यवाही की है। पेपर लीक करने में भूमिका निभाने वाले आरोपी अभिषेक शुक्ला, रोहित कुमार, शिवम गिरी को गिरफ्तार किया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। ‌

कड़ी से कड़ी मिलाकर मास्टरमाइंड तक पहुंची पुलिस

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा की परीक्षा की दूसरी पाली के दौरान पेपर लीक किया गया था। ‌ पेपर लीक के बारे में जानकारी मिलने के बाद पेपर को निरस्त कर दिया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में 12 एपआईआर दर्ज की गई। एसटीएफ ने कार्यवाही करते हुए 54 लोगों को गिरफ्तार किया। जिसके बाद कड़ी से कड़ी मिलाकर मुख्य आरोपी तक पहुंचने में कामयाबी मिली है। ‌ ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों ने पेपर लीक किया कर्मचारियों ने दो कोड के पेपर लीक किए गए थे। ‌

बिहार के डॉक्टर ने खोला था पेपर बॉक्स

यूपी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को लेकर पुलिस ने कई खुलासे किए हैं मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा और रवि अत्री ने पेपर के बॉक्स को खोलने के लिए बिहार से एक्सपर्ट बुलाया था। एक्सपर्ट शुभम मंडल ने बॉक्स को खोला था। मंडल पेशे से डॉक्टर है। ‌ पुलिस की पूछताछ में यह बात निकल के सामने आई है कि डॉक्टर ने ही बक्से को खोला था जिसके बाद कोड नंबर दो के पेपर की फोटो खींच ली गई। इसके बाद  पेपर आउट किया गया। ‌

यूपीटीईटी का पेपर भी कराया था लीक

गिरफ्तार आरोपी राजीव नयन मिश्रा पेपर लीक करने में एक्सपर्ट है। वर्ष 2021 में यूपीटीईटी का पेपर लीक करने में भी इसकी भूमिका रही है। एसटीएफ ने उसे जेल भेजा था। संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा मध्य प्रदेश का भी पेपर लीक करने में राजीव नयन मिश्रा की भूमिका थी।‌ वर्ष 2015 की एमबीबीएस परीक्षा का पेपर लीक करने में भी इन आरोपियों की भूमिका रही है।

पुलिस की पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि सभी आरोपी अहमदाबाद की कंपनी में मिले थे। ट्रांसपोर्ट कंपनी टीसीएस एक्सप्रेस में ट्रेनिंग एग्जीक्यूटिव अभिषेक शुक्ला ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2021 में उसकी मुलाकात प्रयागराज के अंकित मिश्रा से हुई थी जो नोएडा के रवि अत्रि का दोस्त था। उसी ने इसे अत्री से मिलवाया था। कंपनी में ही उसकी मुलाकात शिवम गिरी और रोहित पांडे से हुई थी।

रवि यत्री को यह मालूम था कि यूपी में होने वाली कई भारतीयों के लिए एग्जाम पेपर ट्रांसपोर्ट कंपनी टीसीआई एक्सप्रेस में ही छपने के बाद पहुंचेंगे। ऐसे में उसने पहले से ही रोहित शिवम और अभिषेक को सतर्क कर दिया था कि यदि कोई पेपर आता है तो उसे बताया जाए, जिसके लिए उसने 20 लाख रुपए तक खर्च किए थे।

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