पीलीभीत: मशरूम की खेती से गांव की सोनी ने बदली किस्मत, कमा रही लाखों रुपए

पीलीभीत: मशरूम की खेती से गांव की सोनी ने बदली किस्मत, कमा रही लाखों रुपए

पीलीभीत,अमृत विचार: जनपद के छोटे से गांव में रहने वाली सोनी का छोटा सा प्रयास आज एक बड़ी उपलब्धि बन चुका है। सोनी के संकल्प से सिद्धि तक पहुंचने की कहानी गांव की महिलाओं के लिए मिसाल भी है। दरअसल सोनी ने बटन मशरूम उगाकर खुद अपनी किस्मत बदली और संवारी है। अब सोनी मशरूम का उत्पादन कर एक सीजन में एक लाख से अधिक की कमाई कर रही है। अगले सीजन में उन्होंने बड़े स्तर पर मशरूम उत्पादन करने की तैयारी भी शुरू कर दी है।

मरौरी ब्लाक के गांव सैजनी वनकटी निवासी सोनी की आत्मनिर्भर बनने की कहानी चार साल पहले शुरू हुई थी। शादी के बाद खुद को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लेकर उन्होंने सबसे पहले सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया।

प्रशिक्षण पूरा होने के बाद गांव में ही सिलाई का सेंटर खोलकर खुद को आत्मनिर्भर बनाने के  साथ अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की शुरूआत की। इस बीच कुछ बड़ा करने की चाहत में उन्होंने एक बार फिर घर की देहरी लांघ शहर का रुख किया। वर्ष 2021 में सोनी ने आरसेटी (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया।

छोटे से टब में मशरूम उगाकर की शुरुआत
विकास भवन स्थित गौ उत्पाद बिक्री केंद्र में अपनी निशुल्क सेवाएं देने वाली सोनी के मुताबिक उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रयोग के तौर घर में ही छोटे-छोटे प्लास्टिक के टबों में मशरूम उगाने की शुरुआत की। उनकी लगन और मेहनत रंग लाई। सभी टबों में जमकर बटन मशरूम उगा। इस मशरूम एक-दो महीने तक घर के अलावा कई ग्रामीणों ने भी खाया और उनकी हौसला अफजाई की। 

वर्ष 2022 में सोनी ने महिला स्वयं सहायता समूह की अन्य सदस्यों के साथ जुड़कर 25 हजार की लागत से घर के एक कमरे में ही मशरूम उगाया। करीब चार माह की मेहनत के बाद अच्छी खासी पैदावार हुई। इस सीजन में उन्हें लागत निकालकर 15-20 हजार रुपए का ही प्रॉफिट हुआ। वर्ष 2023 अक्टूबर में उन्होंने दायरा बढ़ाते हुए उन्होंने घर के अंदर ही पुन: मशरूम की खेती की। 

करीब तीन माह तक समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं की मदद से उन्होंने पॉली बैग में उग रहे मशरूमों की बेहतर देखभाल की। जनवरी में फसल तैयार हो गई और छोटे-छोटे पैकेट बनाकर फरवरी तक इसकी शहर समेत विभिन्न नगर-कस्बों में बिक्री की।

इस सीजन में उन्हें एक लाख से अधिक का प्रॉफिट हुआ। सोनी ने बताया कि अब अगले सीजन में पांच लाख की लागत से बड़े स्तर पर खेत में मशरूम उगाने की तैयारी शुरू कर दी है। बिक्री की व्यवस्था भी स्वयं ही करेगी। उन्होंने बताया कि उनके इस प्रयास से गांव की अन्य महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन रही हैं।

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