कासगंज: एनकाउंटर की धमकी देकर प्रधान के देवर को बनाया हत्यारा, सिढ़पुरा के निरीक्षक पर लगा आरोप...उठे कई सवाल 

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Published By Vikas Babu
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कासगंज, अमृत विचार: जहां एक ओर प्रदेश सरकार हर नागरिक को सुरक्षा देने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं। सिढ़पुरा के अपराध निरीक्षक सवालों के घेरे में आकर कठघरे में खड़े हैं। प्रधान के देवर को एनकाउंटर की धमकी देकर हत्यारोपी बना दिया और जेल भेज दिया। तथ्यों और साक्ष्यों को संकलित करते हुए प्रधान पति ने जब शिकायत एडीजी आगरा जोन से की तो मामले में बदलाव आ गया। एडीजी ने मामले की जांच एएसपी को सौंप दी है। एएसपी ने पीड़ित पक्ष के बयान दर्ज किए हैं। 

मामला सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव अजीत नगर का है। यहां वर्ष 2023 के सितंबर माह में नगला मुलू निवासी अभिषेक की हत्या हुई। अज्ञात के विरुद्ध इसकी एफआईआर दर्ज कराई गई। तत्कालीन इंस्पेक्टर गोविंद बल्लभ शर्मा, प्रभारी थानाध्यक्ष भूदेव सिंह ने इसकी जांच की थी, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंची।

हालांकि पिछले साल दिसंबर माह में जब प्रभारी का पद रिक्त था तो यहां इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रताप गिरि को प्रभारी बनाया गया, उसके बाद मामले में बदलाव आया। घटना के खुलासे के लिए इंस्पेक्टर ने मुखबिरों का जाल बिछाया, लेकिन वह आरोपों से घिरते गए। घटना में सहयोग के लिए ग्राम प्रधान प्रीति के देवर आशीष को 19 दिसंबर को फोन करके बुलाया। 

आरोप है कि इंस्पेक्टर ने आशीष को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और घटना का झूठा खुलासा करने के लिए प्रताड़ना दी। साथ ही उन्हें एकाउंटर को धमकी दी। इधर गांव के ही ओमवीर को विद्युत करंट की प्रताडना देकर झूठी गवाही कर दी। हालांकि बाद में ओमवीर ने वीडियो वायरल कर अपनी प्रताड़ना और झूठी गवाही की स्थिति स्पष्ट कर दी। इधर सभी तथ्य एवं साक्ष्यों को लेकर पीड़ित आशीष के भाई संजीव ने शिकायत एडीजी आगरा जोन से की। एडीजी ने मामले की जांच एएसपी कासगंज को सौंप दी है। 

मुझे नहीं पता क्या था मामला 
इस संदर्भ में जब इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रताप गिरि से जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे संज्ञान नहीं है क्या मामला था और कब का मामला है। मुझे अभी तक कोई नोटिस भी नहीं मिला है। जबकि एएसपी की ओर से नौ अप्रैल को जारी पत्र में प्रभारी निरीक्षक सिढ़पुरा को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नोटिस की तामिल कराकर दो दिन में प्रति कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। 

दर्ज किए मेरे बयान 
पीड़ित के भाई संजीव कुमार ने बताया कि उनकी शिकायत के बाद एडीजी ने मामले की जांच एएसपी को सौंपी। एएसपी कार्यालय से मेरे पास बुलावा आया। एएसपी के समक्ष प्रस्तुत होकर मैने अपना पक्ष रखा। उन्होंने मेरे बयान दर्ज कराए हैं।

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