गोंडा : तथ्य छिपाने पर लेखपाल व राजस्व निरीक्षक निलंबित, विभागीय जांच शुरू

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Published By Deepak Mishra
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गोंडा, अमृत विचार। उच्च न्यायालय इलाहाबाद खण्डपीठ लखनऊ में विचाराधीन जनहित याचिका के अनुपालन में प्रस्तुत आख्या में विरोधाभासी व भ्रामक तथ्य देने के आरोप में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। तहसील सदर क्षेत्र सुसंगवा के लेखपाल अभिजीत कुमार तथा राजस्व निरीक्षक दिनेश प्रताप तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। दोनों के विरुद्ध विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।

प्रकरण ग्राम विशुनापुर बेलभरिया स्थित गाटा संख्या 731/0.0730 हे० से संबंधित है, जो राजस्व अभिलेखों में रास्ते के रूप में दर्ज है। यहां 24 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में धारा 67(1) के तहत वाद चलाया गया था, जिसमें 3 सितंबर 2025 को बेदखली का आदेश पारित हुआ।

नोटिस के बाद 23 नवंबर 2025 को अतिक्रमणकारी द्वारा स्वयं कब्जा हटा लिए जाने के बावजूद अलग-अलग तिथियों पर विरोधाभासी आख्या प्रस्तुत की गई, जिससे वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। जांच में यह भी सामने आया कि अतिक्रमण हटने के बाद भी अनावश्यक रूप से पुलिस बल की मांग की गई, जिसे उच्चाधिकारियों ने अनुचित माना।

नायब तहसीलदार की जांच आख्या के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। निलंबन अवधि में दोनों अधिकारियों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। लेखपाल के मामले की विस्तृत जांच के लिए नायब तहसीलदार गोण्डा को जांच अधिकारी नामित किया गया है, जबकि राजस्व निरीक्षक दिनेश प्रताप तिवारी को भूलेख कार्यालय कलेक्ट्रेट गोण्डा से सम्बद्ध किया गया है।

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