एसजीपीजीआई के छठे शोध दिवस पर 330 शोध पत्र हुए प्रदर्शित : भविष्य में बदलेगा तरीका, जीनोम आधारित होगा इलाज

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

लखनऊ, अमृत विचार : जीनोमिक्स विशेषज्ञ डॉ. विनोद स्कारिया (आईजीआईबी, दिल्ली) ने बताया कि चिकित्सा जगत एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उनके अनुसार पर्सनल जीनोम और प्रिसिजन मेडिसिन आने वाले समय में उपचार का नया मानक बनने जा रहे हैं। डॉ. विनोद शुक्रवार को एसजीपीजीआई के छठे शोध दिवस पर बतौर मुख्य वक्ता जानकारी साझा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भविष्य में इलाज एक जैसा नहीं रहेगा, बल्कि हर व्यक्ति के जीनोम प्रोफाइल के आधार पर तय होगा। 

उन्होंने बताया कि हर इंसान की आनुवंशिक संरचना अलग होती है, इसलिए बीमारी का खतरा, दवाओं का असर और संभावित दुष्प्रभाव भी व्यक्ति–व्यक्ति पर निर्भर करते हैं। उनके अनुसार जीनोमिक जानकारी यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि किसी व्यक्ति को किस बीमारी का जोखिम अधिक है, कौन-सी दवा सबसे प्रभावी होगी, किस दवा से समस्या बढ़ सकती है तथा किस रोग में कौन-सा उपचार सबसे सुरक्षित व सटीक रहेगा। डॉ. स्कारिया ने बताया कि कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज और कई दुर्लभ आनुवंशिक समस्याओं में जीनोमिक तकनीक पहले ही उपचार को अधिक सटीक और व्यक्तिगत बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार, शोध संस्थान और विभिन्न अस्पताल मिलकर जीनोम टेस्टिंग को किफायती बनाने और इसे आम लोगों तक पहुंचाने के प्रयास तेज़ी से कर रहे हैं।

शोध दिवस के अवसर पर संकाय सदस्यों और छात्रों द्वारा शोध क्षेत्र में हासिल की गई अनेक उपलब्धियों का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें 330 से अधिक शोध पोस्टर प्रदर्शित किए गए। 

इस दौरान लगभग 26 निर्णायक मंडल ने शोधकर्ताओं से बातचीत की और प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कारों का चयन किया। संकाय सदस्य श्रेणी में 16 पुरस्कार और छात्र श्रेणी में 24 पुरस्कार हैं। ये पुरस्कार संस्थान के स्थापना दिवस समारोह में दिए जाएंगे, स्थापना दिवस 14 दिसंबर को आयोजित होगा। बता दें कि एसजीपीजीआई के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर आरके. धीमन ने साल 2020 में शोध दिवस मनाने की इस परंपरा की शुरुआत की थी। संकाय प्रभारी, शोध, प्रोफेसर विनीता अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष संस्थान के उन 15 वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया, जो 2025 में अमेरिकी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की शीर्ष 2 प्रतिशत रैंकिंग में शामिल थे।

यह भी पढ़ें : SGPGI : बिना सर्जरी ब्रेन ट्यूमर का इलाज करने की तैयारी, डिजिटल पैथालॉजी भी होगी शुरू

संबंधित समाचार