SIR में एएसडी आंकड़ों ने चौंकाया...दलों ने झोंकी ताकत, पुरानी सूची के 18 % वोटर से बदल सकती तस्वीर

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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अयोध्या, अमृत विचार: भारत निर्वाचन आयोग से कराए जा रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण में सामने आए एएसडी के आंकड़ों ने सभी को चौंका दिया है। पुरानी सूची के लगभग 18 फीसदी वोटर अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृतक या डबल की श्रेणी में हैं। ये आंकड़े तस्वीर बदल सकते हैं। आंकड़ों के सामने आने के बाद राजनीतिक दलों ने नए जोश से ताकत झोंक दी है।

एएसडी मतलब अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृतक या डबल मतदाताओं से है। जिले की पुरानी मतदाता सूची में वोटरों की संख्या 19,07,800 है। इनमें से 346683 मतदाताओं के नाम एएसडी में हैं। यह कुल मतदाताओं की संख्या का लगभग 18.17 फीसदी है। यह बड़ा आंकड़ा है। ऐसे में चौंकना स्वाभाविक है।

इस सूची से राजनीतिक दलों को नुकसान फायदे का अंदाजा तो फाइनल सूची आने के बाद होगा। क्योंकि अभी यह आंकड़े सामने नहीं आए हैं कि इनमें एक स्थान पर अनुपस्थित या स्थानांतरित मतदाताओं ने जिले में किसी अन्य स्थान पर अपना नाम सूची में शामिल करवाया या नहीं। 

सूची में बढ़ने वाले नए और ऐसे मतदाताओं से इसका आकलन किया जा सकेगा। इसके बाद असली तस्वीर सामने आने की उम्मीद है, लेकिन एक मुश्त 18 फीसदी वोटरों के एएसडी में शामिल होने से आंकड़े ही नहीं बदलेंगे। यही राजनीतिक दलों की चिंता का कारण भी है। राजनीतिक दलों ने अंदरखाने में मंथन के साथ कार्रवाई शुरू कर दी। एसआईआर में रस्म अदायगी न होने के कारण मतदाता से दलों के स्तर पर चूक इसका कारण माना जा रहा है।

समय बढ़ने से मिली राहत

-एसआईआर का समय आयोग ने 15 दिन बढ़ा दिया। इससे राहत मिली। अब 26 दिसंबर तक गणना प्रपत्र जमा किए जा सकेंगे। ऐसे में छूटे मतदाताओं को मौका मिलेगा। राजनीतिक दलों को भी होमवर्क का मौका मिल गया। सूची का आलेख्य प्रकाशन 31 दिसंबर को होगा। दावे आपत्तियां 31 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी तक लिए जाएंगे। सूची का अंतिम प्रकाशन 28 फरवरी को होगा।

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सोर्स : अयोध्या कार्यालय

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