फेन्सेडिल कफ सिरप: लखनऊ से दो तस्कर गिरफ्तार, फर्जी फर्मों के जरिए देशभर में कर रहे थे तस्करी
लखनऊ, अमृत विचार। यूपी एसटीएफ ने कोडीन युक्त फेंसेडिल कफ सिरप की तस्करी में लिप्त गिरोह पर बड़ा शिकंजा कसते हुए दो फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने सहारनपुर के आरोपियों में अभिषेक शर्मा और शुभम शर्मा को गुरुवार की सुबह आलमबाग मवैया स्थित टेढ़ी पुलिया से दबोच लिया। दोनों भाई फर्जी फर्मों के जरिए भारी मात्रा मेंकी अवैध खरीद–फरोख्त कर उसे देश के विभिन्न राज्यों होते हुए बांग्लादेश तक सप्लाई करा रहे थे।
एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी सहारनपुर के सदर बाजार स्थित कपिल बिहार के रहने वाले हैं। दोनों सगे भाई हैं। आरोपियों के पास से दो मोबाइल व फर्जी फर्म से जुड़े 31 दस्तावेज बरामद किया है।
फर्जी फर्मों का जाल और कोडीन सिरप की तस्करी
पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह 2019 से फर्जी फर्में बनाकर एबॉट कंपनी के फेन्सेडिल कफ सिरप को कागजों में एक राज्य से दूसरे राज्य बेचता दिखाता था, जबकि असली माल को तस्करों को सौंप दिया जाता था। यह माल बिहार–झारखंड–पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश भेजा जाता था। चार्टर्ड अकाउंटेंट अरुण सिंघल गिरोह के लिए बोगस फर्में तैयार करता था। सहारनपुर, रुड़की और उत्तराखंड में दर्जनों फर्जी फर्मों के नाम सामने आए हैं। गिरोह ने करीब 65 फर्मों के जरिये फर्जी बिलिंग दर्शाई।
मारुति मेडिकोज से एवी फार्मास्यूटिकल्स तक
पूछताछ में अभिषेक ने बताया कि वह जीआर ट्रेडिंग से लेकर मारुति मेडिकोज और एवी फार्मास्यूटिकल्स तक कई फर्मों के संचालन और बैंकिंग का जिम्मेदार था। विशाल सिंह, विभोर राणा, सौरभ त्यागी और अन्य सहयोगियों से मिलीभगत कर वह तस्करी का पूरा नेटवर्क संचालित करता था। 2024 में लखनऊ में एसटीएफ द्वारा पकड़ी गई फेंसेडिल खेप भी इसी गिरोह से जुड़ी पाई गई थी। एसटीएफ के एएसपी लालप्रताप सिंह के मुताबिक पूछताछ में शुभम ने कुबूल किया कि दुबई में नौकरी छोड़कर भारत लौटा था। बड़े भाई और गिरोह के सदस्यों ने उसके नाम पर फर्म बना कर उसे तस्करी के खेल में शामिल कर लिया। उसे हर महीने करीब एक लाख रुपये दिए जाते थे।
पश्चिम बंगाल कनेक्शन की खोज जारी
पूछताछ में दोनों ने पश्चिम बंगाल में सक्रिय दो तस्करों के नाम भी बताए हैं। एसटीएफ उनकी भूमिका की जांच कर रही है। दोनों के खिलाफ थाना सुशांत गोल्फ सिटी में दर्ज मामले में कार्रवाई की गई है। अभिषेक शर्मा के खिलाफ गाजियाबाद में एनडीपीएस एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में भी मामले दर्ज हैं। एसटीएफ के मुताबिक यह नेटवर्क व्यापक था और कई अधिकारियों व दवा डिस्ट्रीब्यूशन चैन में गहरी जड़ें जमाए बैठा था। आगे की कार्रवाई तेजी से जारी है।
