कोडिन सिरप तस्करों के खिलाफ यूपी में सबसे बड़ा क्रैक डाउन: NDPS-BNS एक्ट के तहत दर्ज मुकदमा,अवैध डायर्वजन पर शिकंजा
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में कोडिनयुक्त कफ सिरप की नशे के रूप में तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब तक की कार्रवाई पूरे देश में सबसे बड़ा क्रैक डाउन है। जबकि, अन्य राज्यों में एक्शन के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की गयी।
दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालते ही प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अवैध नशे के सौदागरों के खिलाफ जंग छेड़ दी थी। ऐसे में योगी की मंशा के अनुसार वर्ष 2022 में एएनटीएफ का गठन किया गया। इसी क्रम में योगी सरकार के निर्देश पर एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप व एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार और डायवर्जन के खिलाफ अभियान चलाया।
हालांकि, विभाग ने देश का सबसे बड़ा क्रैक डाउन शुरू करने से पहले अंदरुनी गहन जांच शुरू की। विभाग ने झारखंड, हरियाणा, हिमाचल जैसे राज्यों में विवेचना की और उत्तर प्रदेश के सुपर स्टॉकिस्ट और होलसेलर के साथ उनके कारोबारी रिश्तों के सबूत जुटाए। इन सब प्रक्रियाओं के बाद दो माह पहले विभाग का क्रैक डाउन शुरू हुआ, जो अभी भी जारी है।
इन दो महीनों में विभाग ने प्रदेश भर में छापेमारी कर 31 जिलों में 133 फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी।
एफएसडीए सचिव और आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि पहली बार एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप का अवैध डायवर्जन करने वालों के खिलाफ एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया, जिसकी वजह से कार्रवाई और सख्त साबित हुई। वहीं जिलाधिकारियों को गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा।
प्रदेश के 52 जिलों में 332 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों के दस्तावेज और भंडारण की जांच की गयी। जांच में सामने आया कि कई औषधि प्रतिष्ठान अस्तित्व में हीं नहीं थे। जांच में 332 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों में से 133 प्रतिष्ठानों द्वारा संगठित रूप से इन औषधियों का गैर चिकित्सकीय उपयोग के लिए अवैध डायवर्जन कर नशे के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा है। इनके द्वारा मुख्य रूप से लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच के जरिये नेपाल और वाराणसी, गाजियाबाद से बांग्लादेश में नशे के रूप में भेजा जा रहा है।
