Kanpur: केमिकल युक्त रंग आंख व त्वचा के लिए हानिकारक; डॉक्टरों की सलाह- इन रंगों से खेलें होली...ऐसे करें बचाव

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। होली रंगों का त्योहार है, होली पर लोग गिले-शिकवे दूर कर प्यार से एक-दूसरे को रंग, अबीर व गुलाल लगाते हैं। होली में लोग कई प्रकार के रंगों का प्रयोग करते हैं, जिनमें से कुछ केमिकल युक्त तो कुछ प्राकृतिक रंग शामिल होते हैं। केमिकल युक्त रंग शरीर की त्वचा के साथ ही आंखों को भी नुकसान पहुंचाते है। ऐसे में केमिकल युक्त रंगों से दूरी बनाकर प्राकृतिक रंग से ही होली का त्योहार मनाना चाहिए। 

होली पर शहर की बाजारें गुलजार है। बाजारों में कई प्रकार के रंग, अबीर व गुलाल मौजूद हैं। ऐसे में केमिकल युक्त रंगों की चमक भी बाजारों में दमक उठी है, जिनमें सिथेटिक व आर्गेनिक तत्व होते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक यह रंग माइका, ग्लास पाउडर, अल्कालिस, लीड, बेंजीन व एरोमेटिक कंपाउंड के मिश्रण से बनाए जाते हैं, जो त्वचा और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक होते है। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.सुरभि अग्रवाल ने बताया कि हरे रंग में कॉपर सल्फेट होता है, जो आंखों के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। यहां तक कि यह अंधेपन का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा अन्य रंगों से भी आंख को बचाना चाहिए। चर्म रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.डीपी शिवहरे ने बताया कि सबके पसंदीदा लाल रंग में मरकरी सल्फाइट होता है, जो त्वचा के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। 

इसके अलावा केमिकल युक्त सभी रंग त्वचा के लिए नुकसानदेय होते हैं। वहीं, कुछ लोग कई बार रंगों को साफ करने के लिए मिट्टी का तेल, नेल पेंट, रिमूवर आदि चीजों का इस्तेमाल भी करते हैं, जो सरासर गलत है। हां, रंगों को हटाने के लिए बेसन का प्रयोग किया जा सकता है, जो पूरी तरह प्राकृतिक है। मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल के विभागाध्यक्ष डॉ.संजय वर्मा ने बताया कि बैंगनी रंग में क्रोमियम आयोडाइड होता है, जो एलर्जी और दमा के रोगी के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। 

इसलिए होली हमेशा प्राकृतिक रंगों से ही खेलनी चाहिए। नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ.देशराज गुर्जर ने बताया कि केमियुक्त रंग में मिले तत्व तंत्रिका तंत्र व गुर्दे को प्रभावित भी कर सकते हैं। इसके अलावा रंगों में शामिल केमिकल शरीर के इम्योनोसिस्टम को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए होली खेलने के बाद अपने शरीर को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। 

ऐसे कर सकते हैं बचाव 

-रसायन युक्त रंग को तुरंत साफ पानी से धोएं।
-नमकीन पानी या सिरके का सेवन न करें। 
-रंगों को हटाने में हर्बल चीजों का इस्तमाल करें।
- त्वचा में जलन, सूखापन व फुंसी होने पर अस्पताल जाएं।
- आंखों को रंग और गुलाल से बचाएं।

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