बाराबंकी: लोकसभा चुनाव में प्रियंका रावत के नाम सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड

1962 में सबसे कम 321 मतों से जीते थे सोशलिस्ट पार्टी के रामसेवक यादव

बाराबंकी: लोकसभा चुनाव में प्रियंका रावत के नाम सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड

बाराबंकी, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव में बाराबंकी सीट से सबसे बड़ी जीत भाजपा की प्रियंका सिंह रावत के नाम है। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रियंका रावत ने 2.11 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। 73 सालों में 17 चुनावों में यह सबसे बड़ी जीत साबित हुई। उनका यह रिकार्ड अब तक नहीं टूट सका है।

बाराबंकी सीट से बाहरी प्रत्याशी के रुप में आई प्रियंका रावत पहली बात सियासत में उतरीं और अब तक सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड अपने नाम किया। मोदी लहर में पहली बार में ही वह सांसद बन गईं और देश की सबसे बड़ी संसद में जिले का प्रतिनिधित्व करने का मौका यहां के मतदाताओं ने उन्हें दिया। वहीं 1951 से लेकर 2019  तक चुनावी सफर पर गौर किया जाए तो बाराबंकी के 73 साल के चुनावी इतिहास में सबसे बड़ी जीत प्रियंका सिंह रावत के ही नाम है। इसके साथ ही वह संसद पहुंचने वाली जिले की दूसरी महिला सांसद भी बनी। 

इन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के डॉ.पीएल पुनिया को 2 लाख 11 हजार 878 मतों से हराया था। हालांकि इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में इनका टिकट पार्टी ने काट दिया और उपेंद्र सिंह रावत को मैदान में उतारा। इस बार भी जिले के मतदाताओं ने उपेंद्र को जीता कर लगातार दूसरी बार जिले में कमल खिलाया लेकिन प्रियंका सिंह के मुकाबले उपेंद्र सिंह रावत भले ही अधिक मत हासिल किए हो पर जीत का अंतर कम जरुर कम रहा। 

उपेंद्र सिंह रावत ने सपा के रामसागर रावत को 1 लाख 10 हजार 140 वोटों से हराया था। वहीं भाजपा के बैजनाथ रावत को सन 1998 में पहली बार जिले में कमल खिलाने का तमंगा हासिल है। अब तक दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज करने की बात करें तो इसमें कांग्रेस के डॉ.पीएल पुनिया का नाम आता है। जिन्होंने 2009 में जीत हासिल की थी। उन्होंने बसपा के कमला प्रसाद रावत को 1 लाख 68 हजार 575 मतों से शिकस्त दी थी। लेकिन भाजपा की प्रियंका सिंह रावत की अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड आज तक कायम है।

कौन कितने वोटों से हासिल की जीत
चुनाव-- विजेता--- जीत का अंतर

1951--गंगा देवी----13064
1957--आरएस यादव--30880
1962--आरएस यादव--321
1967-- बी.कुरील--13469
1967--आरएस यादव--13374
1971--बैजनाथ कुरील--34829
1971--कुंवर रुद्र प्रताप सिंह--58345
1977--राम किंकर--147411
1980--राम किंकर--15641
1984--कमला प्रसाद--94671
1989--रामसागर रावत--64117
1991--रामसागर रावत--3798
1996--रामसागर रावत--14722
1998--बैजनाथ रावत--13785
1999--रामसागर रातव--55278
2004--कमला प्रसाद---20927
2009--पीएल पुनिया--168575
2014--प्रियंका सिंह रातव--211878
2019--उपेंद्र सिंह रावत---110140

नोट--उक्त आंकड़े भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइड में दर्शाए गए हैं...

सबसे बड़ी जीत--प्रियंका सिंह रावत-- भाजपा--2014--211878
सबसे छोटी जीत--आरएस यादव--सोशलिस्ट पार्टी--1962--321
सबसे पहले कमल खिलाने वाले प्रत्याशी--बैजनाथ रावत--1998
हैट्रिक समेत चार बार रहे सांसद--रामसागर रावत--1989, 1991,1996 व 1999। इसके अलावा 1957, 1962 और 1967 में लगातार तीन बार सांसद बनने वालों में रामसेवक यादव का भी नाम दर्ज है। सन् 1967 में बाराबंकी सामान्य सीट से तीसरी बार जीत हासिल की थी। जबकि रामसनेहीघाट सुरक्षित सीट पर कांग्रेस के बी.कुरील जीते थे। उस समय दो लोकसभा सीट हुआ करती थीं।

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