बदायूं: सामूहिक दुष्कर्म मामले में फैसला, दोषियों को मिला आजीवन कारावास

बदायूं: सामूहिक दुष्कर्म मामले में फैसला, दोषियों को मिला आजीवन कारावास

बदायूं, अमृत विचार: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो दीपक यादव ने सामूहिक दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के आठ साल पुराने में माले में आरोपी को दोषी माना है। दोषियों को आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना की आधी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है। 

अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा की ओर से 8 दिसंबर 2016 को जिला संभल के गुन्नौर क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी को तहरीर दी गई थी। जिसमें उसने बताया था कि 29 नवंबर सुबह लगभग सात बजे उनकी 15 साल की बेटी गोबर डालने के लिए गांव के बाहर गई थी। मोरपाल पुत्र राजपाल, किशन उर्फ किशनवीर पुत्र कुंवरपाल पहले से घात लगाए बैठे थे। 

उन्होंने किशोरी को जबरन खींचा और लाहटा के खेत में ले गए। जहां किशोरी के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। किशोरी ने शोच मचाया। आसपास खेतों पर काम कर रहा ग्रामीण खेत पर पहुंचा। जहां वह दोनों मौजूद थे। उन्होंने ग्रामीण को धमकी दी। कहा कि अगर किसी से कहा तो वह जान से मार देंगे। वादी शिकायत करने के लिए पुलिस चौकी पर गया।

पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। तो वह गुन्नौर सीओ के पास गया। तब पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने विवेचना की। साक्ष्य संकलित किए। आरोपी मोरपाल और किशनवीर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मामा कोर्ट में चल रहा था। न्यायाधीश ने पत्रावली पर साक्ष्यों का अवलोकन किया। विशेष लोक अभियोजक अमोल जौहरी और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। 

न्यायाधीश ने कहा कि पीड़िता को जबरन खींचकर खेत में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया और जान से मारने भी धमकी दी। जो अत्यंत घृणित व निंदनीय अपराध है। जो पीड़िता की गरिमा को तो आघात पहुंचाता ही है साथ ही जीवन भर के लिए कुंठा और पीड़ा भर जाता है। जिससे वह जीवन पर्यंत नहीं उभर सकती।

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