MJPRU: कुलसचिव को काम से हटाकर उप कुलसचिव को दिया प्रभार

MJPRU: कुलसचिव को काम से हटाकर उप कुलसचिव को दिया प्रभार

बरेली, अमृत विचार: रुहेलखंड विश्वविद्यालय में शिक्षकों के विरोध के बाद कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कुलसचिव अजय कृष्ण यादव को शुक्रवार को काम से हटाकर नेहरू केंद्र निदेशालय में संबद्ध कर दिया। उनकी जगह उप कुलसचिव सुनीता यादव को कुलसचिव का अतिरिक्त कार्यभार देकर राजभवन और शासन को आदेश की प्रतिलिपि भेजकर अवगत कराया है। सुनीता यादव ने शुक्रवार को ही कार्यभार भी ग्रहण कर लिया। इससे पहले 1997 में भी तत्कालीन कुलपति ने कुलसचिव को कार्य से हटाया था।

कुलपति की ओर से शुक्रवार को आदेश जारी किया गया कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के अधीन रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय कृष्ण यादव के खिलाफ कई स्तर से लंबे समय से गंभीर शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इस कारण विश्वविद्यालय की साख, शिक्षकों का मनोबल और छात्र-छात्राओं से संबंधित तमाम कार्यों में व्यवधान हो रहा था।

इसकी वजह से विश्वविद्यालय अपने अपेक्षित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पा रहा था। इस संबंध में पिछले 11 महीने में कुलसचिव को लिखित रूप से अवगत कराया गया और बार-बार आग्रह किया गया लेकिन न तो उनसे कोई सहयोग प्राप्त हुआ और न ही उन्होंने पत्रों का कोई उचित जवाब दिया। इसकी वजह से कार्रवाई करते हुए कुलसचिव के प्रशासनिक कार्यों से शुक्रवार को हटा दिया गया और सात दिन के भीतर उनके किए कार्यों पर जवाब मांगा गया है।

इस दौरान कुलसचिव अजय कृष्ण यादव जांच के दौरान नेहरू केंद्र निदेशालय ऑफिस में कुलपति की ओर से बताए कार्यों का निर्वहन करते रहेंगे। इसके अलावा उप कुलसचिव सुनीता यादव को कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार अग्रिम आदेशों तक दिया जाता है और वह तत्काल कुलसचिव के पद का प्रभार ग्रहण कर उन्हें अवगत कराएं। इस आदेश के बाद सुनीता यादव ने पद भार ग्रहण कर लिया।

कुलपति के इस आदेश की कॉपी कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी डॉ. पंकज एल जानी, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, कॉलेजों के प्राचार्यों, वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक और अन्य को भेजी गई है। इसके बाद दोपहर में 3 बजे कुलपति ने समिति कक्ष में संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की और अपने इस निर्णय से अवगत कराया। बैठक में सौ करोड़ की ग्रांट के लिए प्रस्ताव बनाने आदि के भी निर्देश दिए गए।

नियम विरुद्ध लिया निर्णय, शासन में जाएंगे
इस संबंध में कुलसचिव अजय कृष्ण यादव ने बताया कि उनका काम से नियम विरुद्ध हटाया गया है। वह इस संबंध में शासन को अवगत कराएंगे। इससे पहले भी कुछ विश्वविद्यालयों में कुलपति ने निर्णय लिए, जिन्हें कोर्ट ने पलट दिया। उनका आरोप है कि नियुक्ति, भुगतान संबंधी कई फाइलों में गड़बड़ी की आशंका की वजह से रोकी थीं। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी जबाव मांगे जा रहे थे, लेकिन नहीं दिए जा रहे थे।

बुधवार को शिक्षकों ने किया था विरोध
विश्वविद्यालय में कुलपति और कुलसचिव की ओर से कुछ महीने से लगातार पत्र जारी किए जा रहे हैं। जहां कुलसचिव ने पहले उनकी अनुमति के बिना फाइलों पर हस्ताक्षर और अन्य निर्णय की बात कही थी। वहीं कुलपति की ओर से शिक्षकों का प्रमोशन रोकने, नगर निगम का टैक्स जमा न करने समेत कई काम अटकाने के पत्र जारी किए थे।

कुछ दिनों पहले वित्त अधिकारी ने कुलसचिव का वेतन रोक दिया था। इसके बाद कुलसचिव ने वित्त अधिकारी को पत्र लिखकर अपने अधिकार बताए थे। बुधवार को शिक्षकों ने प्रोन्नति के बाद भी वेतन निर्धारण न करने का आरोप लगाते हुए कुलसचिव अजय कृष्ण यादव का घेराव किया था। मामला शासन तक पहुंचा था, जिसके बाद दो दिन में निर्णय लेकर समाधान करने की बात बनी थी।

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