पीलीभीत: गेहूं बिक्री न होने पर मंडी में किसानों का हंगामा, अफसर पहुंचे

पीलीभीत: गेहूं बिक्री न होने पर मंडी में किसानों का हंगामा, अफसर पहुंचे

पीलीभीत, अमृत विचार: मंडी में सोमवार को व्यापारियों ने गेहूं की नीलामी में बोली में हिस्सा नहीं लिया। व्यापारियों ने गेहूं सरकारी सेंटरों पर ले जाने की बात कहते हुए खरीद से इंकार कर दिया। इस पर मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसान भड़क गए। उन्होंने जमकर हंगामा काटा। सूचना मिलते ही अधिकारी पर मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों द्वारा किसानों एवं व्यापारियों से अलग-अलग वार्ता की गई, तब कहीं जाकर मामला शांत हो सका। वार्ता के बाद दोपहर दो बजे से नीलामी प्रक्रिया शुरू कराई जा सकी।

स्थानीय मंडी परिसर में गेहूं की आवक दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। सरकारी क्रय केंद्र के अलावा व्यापारी भी नीलामी बोली के माध्यम से गेहूं खरीद कर रहे हैं।  मंडी में अधिक भाव मिलने पर किसान व्यापारियों को ही गेहूं दे रहा है। वहीं प्रशासन मंडी में आने वाले गेहूं को सरकारी केंद्र पर बिक्री करने पर जोर दे रहे हैं। 

इधर सोमवार सुबह से ही मंडी में गेहूं की आवक शुरू हो गई, लेकिन काफी समय बीतने के बाद जब नीलामी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो किसानों ने व्यापारियों से गेहूं खरीदने की बात कही। जिस पर व्यापारियों ने किसानों से अपना गेहूं सरकारी क्रय केंद्रों पर ले जाने की बात कहते हुए खरीदने से इंकार कर दिया। बताते हैं कि अधिकारियों के दवाब के चलते ही व्यापारियों ने खरीद करने से इंकार कर दिया।

इधर खरीद होती न देख किसानों ने मंडी में ही हंगामा करना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर, डिप्टी आरएमओ वीके शुक्ला मंडी में पहुंच गए। उन्होंने हंगामा कर रहे किसानों से वार्ता की। किसानों का कहना था कि जब वह व्यापारियों से लेनदेन करते हैं तो गेहूं भी उनको ही देंगे। 

वहीं कुछ किसानों का कहना था कि जब व्यापारियों के माध्यम से उन्हें सरकारी रेट से ज्यादा भाव मिल रहा है तो सेंटर पर गेहूं क्यों दें। अधिकारी जबरन सेंटरों पर गेहूं बेचने को दवाब बना रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वार्ता के दौरान जब कोई बात नहीं बनी तो अधिकारियों की टीम ने व्यापारियों संग मंडी सचिव कार्यालय में वार्ता की।

वार्ता में तय हुआ कि यदि एमएसपी से अधिक भाव का गेहूं मिलता तो व्यापारी उसे खरीदें और यदि एमएसपी से नीचे भाव का गेहूं मिलता तो उसे सरकारी क्रय केंद्रों को भेजे। वार्ता के बाद दोपहर करीब दो बजे से मंडी में नीलामी प्रक्रिया शुरू हो सकी। इधर जब व्यापारियों से नीलामी बोली में भाग लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा गेहूं खरीद में सहयोग की बात कही गई थी। इसी के चलते उन्होंने नीलामी प्रक्रिया में भाग नहीं लिया था।

किसानों और व्यापारियों से वार्ता की गई है। वार्ता के दौरान व्यापारियों से सहयोग करने की बात कही गई है। वार्ता के बाद नीलामी की प्रक्रिया में व्यापारी शामिल हो गए है। अब दोनों स्तर पर खरीद की जा रही है--- वीके शुक्ला, डिप्टी आरएमओ।

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