गोंडा: सरकारी खरीद पर लग सकता है ब्रेक, खुले बाजार में गेहूं के दाम में उछाल

मंडी में गेट पास जारी होने तथा कंपनियों को खरीद में छूट मिलने से गेहूं के दाम हुई बढ़ोतरी

गोंडा: सरकारी खरीद पर लग सकता है ब्रेक, खुले बाजार में गेहूं के दाम में उछाल

गोंडा, अमृत विचार। सरकारी खरीद पर फिर ब्रेक लग सकती है। गेहूं के दाम में खुले बाजार में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में किसान सरकारी केंद्र पर अपनी उपज को न भेजकर सीधे व्यापारियों के यहाँ गेहूं बेच रहे हैं। जिले में सरकारी खरीद के लिए 112 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। अथक प्रयास के बाद सरकारी केन्द्र पर अभी खरीद की शुरुआत ही हो पाई थी कि सरकारी खरीद पर संकट के बादल छाने लगे हैं।

मंडी की ओर से खरीद के लिए गेट पास जारी किया जाने लगा जिस व्यापारी किसानों के गांव पहुंचकर मूल समर्थन योजना के तहत घोषित मूल्य से अधिक दाम पर गेहूं की खरीद कर रहे हैं। सरकार की ओर से मूल्य समर्थन योजना के तहत 2275 रुपए प्रति क्विंटल का भाव घोषित किया गया है। 1मार्च से खरीद की शुरुआत हुई, लेकिन महीना भर बोहनी  का इंतजार करना पड़ा। अप्रैल माह से खरीद शुरू हुई लेकिन अभी गति ही पड़ रही थी की एक बार फिर खरीद पर ब्रेक लग गया।

सरकारी खरीद हो इसके लिए शासन की ओर से व्यापारियों पर भी पाबन्दी लगाई गई थी। स्टाक लिमिट तय किया गया था, साथ जिला प्रशासन ने रेल मार्ग से बाहर खाद्यान्न बेचने पर भी रोक लगाने के लिए रेल प्रशासन को पत्र लिखा था अभी तक एक भी रेक बाहर नहीं भेजी गई है। लेकिन व्यापारियों द्वारा मंडी गेट पास जारी करने को कहा गया और जैसे ही व्यापारियों के खरीद की छूट मिली वैसे ही गेहूं के आवक में बढ़ोतरी हो गई।

बताया जाता है कि मंडी के व्यापारी 2310 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं यही नहीं कुछ कंपनियां भी गेहूं खरीद कर रही हैं। व्यापारी और कंपनियां मूल्य समर्थन योजना से अधिक रेट पर खरीद कर रहे हैं। इसलिए किसान सरकारी केंद्र पर आने से कतरा रहे हैं। गुरुवार को सरकारी केंद्र सूने पड़े रहे, जबकि मंडी के व्यापारियों के यहां लगातार गेहूं की ट्रालियां आ रही व्यापारियों ने रेल मार्ग से गेहूं बाहर भेजना के प्लान को कैंसिल कर दिया। अब वह लोग ट्रक व ट्रेलर से  प्रदेश से गेहूं बेच रहे हैं।

किसानों  को जब अधिक मूल्य घर बैठे मिल रहा है तो वह सरकारी तंत्र की फेर में क्यों पड़े। फिलहाल गेहूं के  दाम में बढ़ोतरी से सरकारी खरीद से जुड़े अफसर परेशान हो रहे हैं। जिले में एजेंसियो को जो लक्ष्य मिला है वह 130700 मेट्रिक टन है। जबकि अभी तक करीब 3 हजार मैट्रिक गेहूं की खरीद हो पाई है। कई ऐसे केंद्र भी हैं जिन पर एक भी ग्राम गेहूं खरीदा नहीं जा सका है।

जिला खाद्य विपणन अधिकारी प्रज्ञा मिश्रा ने बताया कि खरीद की शुरुआत हो चुकी है। किसान गेहूं लेकर आ रहे थे इनको खरीदा जा रहा था अचानक खुले बाजार में गेहूं के दाम में बढ़ोतरी हुई है जिसका प्रभाव सरकारी खरीद पर भी देखा जा रहा है। उन्होंने बताया जो भी किसान आ रहे हैं उनके गेहूं को खरीदा जा रहा है।

यह भी पढ़ें:-साथ जी न सके तो क्या...मरना ही कबूल, बाराबंकी में ट्रेन के आगे कूदकर प्रेमी युगल ने दी जान, इस वजह से था जुदाई का डर