लखनऊ: कैंसर के इलाज में महत्वपूर्ण है डायग्नोसिस, दवाओं की उपलब्धता से इलाज की राह हुई आसान

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Published By Jagat Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। प्लेटलेट्स की कमी अक्सर गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करती है। 2-3 माइक्रोन की कोशिका की हमारे जीवन मे बहुत बड़ी भुमिका है। यह जानकारी मुम्बई के प्रो एमबी अग्रवाल ने दी। उन्होंने यह बातें उत्तर प्रदेश हेमेटोलॉजी ग्रुप के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय एनुअल कॉन्क्लेव हेमेटोलॉजी -2024 के दौरान दी। 

यह कार्यक्रम केजीएमयू स्थित अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में 27 अप्रैल से शुरू हुआ है। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक डॉक्टर हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान ब्लड कैंसर के इलाज में नवीन तकनीक पर भी चर्चा हो रही है। कॉन्क्लेव के आयोजन सचिव डॉ एसपी वर्मा ने बताया है कि इस कॉन्क्लेव में देश भर के 30 प्रसिद्ध हेमेटोलॉजिस्ट हिस्सा ले रहे हैं।

कोलकाता की डॉक्टर तूफानी कांति ने ब्लड कैंसर के इलाज में डायग्नोसिस की भूमिका पर अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर इलाज के लिए सटीक डायग्नोसिस का होना नितांत आवश्यक है। क्योंकि डायग्नोसिस के आधार पर ही उपचार निर्भर करता है। सटीक डायग्नोसिस सटीक इलाज का कारण बनती है।

ब्लड कैंसर के इलाज के बारे में पॉन्डिचेरी से आये डॉ देवदत्त बासु ने बताया  आज ब्लड कैंसर के उपचार में बहुत सी ऐसी दवाएं उपलब्ध है। जिनको मरीज घर पर सामान्य दवाओं की तरह ले सकता है। नई जनरेशन  वाली दवाएं भी आ रही है जो कि बहुत ही कारगर है। सीएमएल व सीएलएल ऐसे ब्लड कैंसर है, जो कि दवाओं से काफी हद तक कंट्रोल हो जाते है। मरीज सामान्य जीवन जीता है।

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