पानी छिड़क कम कर रहे प्रदूषण का स्तर, चंद कदमों की दूरी पर पेड़-पत्तियां पर जमी धूल की परत
लखनऊ, अमृत विचार : शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को कागजों पर कैसे सुधारना है यह कोई लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों से सीखे। प्रदूषण का स्तर चाहे कितना भी बढ़ जाए नगर निगम को इसकी चिंता नहीं है। क्योंकि नगर निगम के अधिकारियों ने इस पर नियंत्रण की तकनीक सीख ली है। जिन क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) मापक स्टेशन लगे हैं उनके आस-पास नगर निगम पानी का छिड़काव निरंतर कराता है।
उदाहरण लालबाग और अलीगंज स्थित केंद्रीय विद्यालय के पास लगे स्टेशन के आस-पास मिल जाएगा। यहां पानी का छिड़काव इस कदर किया जाता है कि दिन भर सड़क गीली ही रहती है। जबकि इन स्टेशनों से चंद कदमों की दूरी पर ही पेड़ों की पत्तियों पर धूल की परत प्रदूषण की स्थिति बयां कर रही है।
नगर निगम के जिम्मेदार अफसरों को इन स्टेशनों के अलावा शहर के व्यस्त और भीड़-भाड़ वाले इलाके चारबाग, कैसरबाग, चौक, अमीनाबाद आदि क्षेत्रों में प्रदूषण नहीं दिखता। कुछ गिने-चुने क्षेत्र ही नहीं शहर के तमाम इलाकों में लगे पेड़ों पर धूल की परत दिखाई पड़ती है। अधिकांश इलाकों में नगर निगम न तो सड़क पर पानी का छिड़काव और न पेड़ों की धुलाई की ओर ध्यान दे रहा है। यह जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ और आंखों में धूल झोंकने जैसा है।
