हल्द्वानी: कड़ी सुरक्षा में पिता के पीपलपानी में शीशमहल पहुंचा अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी

हल्द्वानी: कड़ी सुरक्षा में पिता के पीपलपानी में शीशमहल पहुंचा अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी

हल्द्वानी, अमृत विचार। लीसा तस्करी करते-करते मुंबई अंडरवर्ल्ड डॉन का सफर तय करने वाला प्रकाश पांडे उर्फ बंटी पांडे उर्फ पीपी अल्मोड़ा जेल में बंद है और सन्यास लेकर योगी बन चुका है। उम्र कैद की सजा काट रहा पीपी गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में हल्द्वानी पहुंचा। वह यहां अपने पिता के पीपलपानी में शामिल होने आया था। पीपी को पहले देख चुके लोगों ने जब उसे गेरुआ वस्त्र में देखा तो देखते ही रह गए। 

पीपी सन्यासी बनने के बाद पहली बार गुरुवार को अपने घर शीशमहल पहुंचा। पीपलपानी संस्कार में शामिल होने के लिए उसे अल्मोड़ा जेल से सात घंटे की पैरोल पर छोड़ा गया था। पीपी सुबह नौ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच घर पहुंचा। पुलिस के अनुसार 13 दिन पहले प्रकाश पांडे उर्फ पीपी के पिता का निधन हो गया था।

पीपलपानी में शामिल होने के लिए उसने कोर्ट से पैरोल मांगी थी। कोर्ट की अनुमति पर पीपी गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अपने घर पहुंचा। सात घंटे रुकने व पूजा में शामिल होने के बाद वह दोपहर तीन बजे वापस अल्मोड़ा जेल लौट गया। घर में वह भगवा वस्त्र धारण कर पहुंचा था और गले में दंडीनाथ महाराज का दिया आईडी कार्ड भी टांगा था।

पीपी का नया नाम अब प्रकाश नाथ
17 मार्च को पीपी ने अल्मोड़ा जेल प्रशासन को पत्र लिखकर सन्यासी बनने व मंदिर में पूजा-पाठ करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन जेल प्रशासन ने जेल के बाहर पूजा पाठ की अनुमति नहीं दी। काठमांडू के नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने दावा किया है कि 28 मार्च को उन्होंने अल्मोड़ा जेल के अंदर जेल प्रशासन की निगरानी में पीपी को संन्यास की दीक्षा दिलाई। जिसके बाद प्रकाश पांडे उर्फ पीपी नए नाम के साथ योगी प्रकाश नाथ बन गया।

2010 में वियतनाम से गिरफ्तार हुआ पीपी 
मुंबई में ब्लास्ट का जिम्मेदार दाउद को ठहराया गया। जब दाऊद व छोटा राजन अलग हो गए थे। इसी बीच प्रकाश पांडे उर्फ पीपी की मुलाकात छोटा राजन से हुई और उसके डॉन बनने का सफर शुरू हो गया था। पीपी ने दाउद को मारने की ठान ली थी। वर्ष 2010 में पीपी वियतनाम से गिरफ्तार हो गया था। सितारगंज, पौड़ी आदि के बाद वह अल्मोड़ा जेल में बंद है।

प्रकाश पांडे उर्फ पीपी गुरुवार को अपने पिता के पीपलपानी संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंचा था। उसके साथ अल्मोड़ा पुलिस थी। काठगोदाम, हैड़ाखान की अतिरिक्त फोर्स उसकी सुरक्षा में लगी थी। शाम को वह वापस अल्मोड़ा जेल लौट गया।
- नितिन लोहनी, सीओ सिटी