बरेली: युवक पर लावारिश कुत्तों को पकड़कर खून निकालने का आरोप, मामले की जांच में जुटी पुलिस

बरेली: युवक पर लावारिश कुत्तों को पकड़कर खून निकालने का आरोप, मामले की जांच में जुटी पुलिस

बरेली, अमृत विचार। कुत्तों के साथ क्रूरता करने पर एक युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। युवक पर लावारिस कुत्तों को पकड़ कर खून निकाल कर बेचने का आरोप है।

पशु-पक्षी हॉस्पिटल चौबारी की ओर से की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि घी मंडी निवासी वैभव शर्मा ने 20 मई को बिशप मंडल इंटर कॉलेज के सामने से कई सारे लावारिस कुत्तों को पकड़ लिया है। आरोप है कि वैभव लावारिस कुत्तों को पकड़ कर उनका खून निकाल कर बचेता है। कोतवाली पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) के धीरज पाठक और मर्सी ऑफर ऑल सोसायटी की शालिनी अग्रवाल के मुताबिक, उनके पास लंबे समय से ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि एक गिरोह है, जो कुत्तों का खून निकाल रहा है और इसे मोटे दामों पर बेच रहा है। वह सड़क पर घूमने वाले लावारिस कुत्तों को टारगेट करता है। उन्हें पकड़कर खून निकालता और फिर इसकी बिक्री करता है। 

पीएफए सदस्यों का दावा है कि आरोपी वैभव शर्मा, कुत्तों की नसबंदी करने वाली, नगर निगम की टीम के साथ काम कर चुका है। इसलिए भी वह लावारिस कुत्तों को आसानी से पकड़ने में माहिर है। 

कुत्तों का खून निकालने की बढ़ती शिकायतें के बाद पशु-पक्षी प्रेमियों और उनके हित में काम करने वाले कोतवाली पहुंचे। जहां आलमगिरीगंज की घी मंडी निवासी वैभव शर्मा और उसके साथियों पर कुत्तों का खून निकालने के गिरोह में शामिल होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। यह भी कहा है कि वैभव के साथ कुछ और लोग भी इसमें शामिल हैं। 

पशु-क्रूरता अधिनियम में मुकदमा 
इस सनसनीखेज आरोप पर पुलिस भी दंग रह गई। दोनों पक्ष कोतवाली पहुंचे। पूछताछ के बीच पुलिस ने नगर निगम की कुत्तों की नसबंदी करने वाली टीम भी बुलाई। सबके बीच तीखी बहसबाजी हुई। पुलिस हकीकत जानने में जुटी रही। कोई हल नहीं निकला तो वैभव के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि इससे पहले इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मेनका गांधी भी पुलिस अधिकारियों को कॉल करके शिकायत कर चुकी थीं। 

कौन है खूत्तों के खून का खरीददार 
पशु-प्रेमी और संरक्षण के लिए काम करने वाली पीएफए सदस्यों का कहना है कि कुत्तों का खून कुत्तों के ही उपयोग में आता है। अमीर और रसूखदार लोगों का जब कुत्ता बीमार हो जाता है और उन्हें अपने कुत्ते के लिए ख़ून की जरूरत पड़ती है, तो वह ख़ून की तलाश करते हैं। ऐसे में ये लोग इन्हीं रसूखदारों को खून उपलब्ध कराते हैं और इसके एवज में पांच से दस हजार रुपये तक लेते हैं। 

वैभव ने आरोपों को नकारा 
वैभव शर्मा ने अपने ऊपर लगे कुत्तों का खून निकालकर बेचने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि शिकायत पर वह कुत्ते पकड़ने का काम करते हैं। उनकी देखभाल भी करते हैं। वहीं, कोतवाली के इंस्पेक्टर डीके शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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