पिता की इच्छा पर आईसीयू में हुई फिल्मी शादी, डॉक्टर और स्टाफ बने गवाह

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Published By Muskan Dixit
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एरा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने गंभीर बीमारीसे जूझ रहे पिता के सपने को साकार किया। उनकी दो बेटियों की शादी अस्पताल के आईसीयू में कराई।

लखनऊ, अमृत विचार: राजधानी में एक अनोखी शादी का मामला प्रकाश में आया है। ऐसी शादी फिल्मों को छोड़कर शायद ही कहीं देखी या सुनी गई होगी। हरदोई रोड स्थित एरा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में मुस्लिम रीति रिवाज के साथ दो बेटियों का निकाह गुरुवार व शुक्रवार को किया गया। अस्पताल के डॉक्टर और नर्स उनकी शादी के गवाह बने। निकाह की रस्म मौलाना ने पूरी कराई। दो बेटियों के निकाह की रस्म पूरी होते देख गंभीर बीमारी से जूझ रहे पिता इकचाल की आंखों से जैसे गंगा-जमना बह निकलीं।

सैयद मोहम्मद जुनेद इकबाल गंभीर बीमारी के कारण लंबे समय से बीमार थे। उन्हें एरा मेडिकल कॉलेज के आईसीय में दाखिल कराया गया था। इकबाल की तबीयत पिछले 2 दिन से ज्यादा बिगड़ने लगी थी। इधर दोनों बेटियों के निकाह की तारीख पहले से तय थी। 

डॉक्टर से इकबाल को डिस्चार्ज करने की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद इकबाल ने डॉक्टर से दोनों बेटियों के निकाह करवाने की ख्वाहिश जाहिर की। मेडिकल कालेज प्रबंधन ने मरीज की इच्छा का सम्मान करते हुए शादी करने की इजाजत दे दी। शादी के दौरान आईसीयू में मरीज की दोनों बेटियां और उनके होने वाले दामाद और मौलाना कारी जरीफ को ही अंदर आने की अनुमति मिली। चंद लम्हों के बाद इकबाल के सामने ही उनकी दोनों बेटियों का निकाह संपन्न करा दिया गया।

क्यों हुई अस्पताल में शादी

जुनैद इकबाल नामक 51 वर्षीय व्यक्ति उच्च रक्तचाप और अन्य बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती है। उसने अपनी बेटियों की शादी की योजना पहले ही बना ली थी, लेकिन उसकी तबीयत खराब हो गई और वह अस्पताल से बाहर नहीं जा सका। जुनैद अपनी बेटियों की शादी में शामिल न हो पाने से बहुत दुखी था। उसने ऑपरेशन रूम के प्रभारी डॉ. मुस्तहसिन से कहा कि उसे अपनी बेटियों की शादी की चिंता है। वह चाहता है कि उसकी बेटियों की शादी उसके जीवित रहते ही हो जाए। ऑपरेशन रूम में मदद करने वाले व्यक्ति ने मेडिकल कॉलेज के प्रमुख डॉ. एमएम ए फरीदी से इस बारे में बात की। डॉक्टरों ने मदद करना अपना कर्तव्य समझा, इसलिए उन्होंने नियमों का पालन करते हुए गहन चिकित्सा इकाई में बेटियों की शादी करने की अनुमति दी। इसके बाद जुनैद इकबाल की बेटियों के पति शनिवार को तय कार्यक्रम के अनुसार अस्पताल आए। शादी समारोह वाले विशेष अस्पताल कक्ष में कुछ ही लोगों को जाने की अनुमति दी गई। जुनैद इकबाल अपनी बेटियों की शादी के बाद बहुत खुश हुए और खुशी के आंसू बहाए। मौलाना ने बताया कि यह पहली बार था जब उन्होंने अस्पताल के कमरे में विवाह सम्पन्न कराया था और यह एक विशेष क्षण था जिसे वह सदैव याद रखेंगे।  

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