Video: गंगा दशहरा पर जहां भगवान राम ने पाई थी ब्रह्महत्या से मुक्ति, उस धोपाप धाम में उमड़ा आस्था का जनसैलाब
लंभुआ/ सुलतानपुर, अमृत विचार। लंभुआ मुख्यालय से लगभग आठ किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित प्रसिद्ध पौराणिक स्थल धोपाप में गंगा दशहरा पर्व पर रविवार को आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। धाम में स्थित आदि गंगा गोमती में लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान कर राम जानकी मंदिर में विधि विधान से पूजन अर्चन किया। रविवार की भोर तीन बजे से ही स्नानार्थियों ने स्नान ध्यान शुरू कर दिया जो पूरे दिन भर चलेगा। आसपास के अलावा कई राज्यों एवं जनपदों से आये श्रद्धालु ने स्नान किया। भक्त गणों ने अन्न दान, पिंड दान तथा गौ दान कर पुण्य अर्जित किया।
शनिवार की शाम से ही भक्तों का धाम में आने का सिलसिला जारी हो गया था। धोपाप धाम का बहुत बड़ा महत्व है। मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम के आगमन से धोपाप धाम चर्चित हुआ था। ऐतिहासिक महत्व वाला तीर्थस्थल धोपाप में रावण वध के उपरांत ऋषियों की सलाह पर भगवान राम ने गंगा गोमती के तट पर डुबकी लगाकर पाप से मुक्ति पाई थी, तभी से इस स्थान का नाम धोपाप पड़ गया। प्रत्येक वर्ष गंगा दशहरा पर्व पर लाखों श्रद्धालु आदि गंगा गोमती में स्नान करते हैं और भगवान राम जानकी मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम इसी स्थान पर स्नान करके ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाए थे। जिस घाट पर भगवान राम ने स्नान किया था उसे रामघाट के नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व पड़ता है और यहां आसपास और दूरदराज के अलावा कई जिलों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं।

लंभुआ में तपिश भी नहीं डिगा सकी श्रद्धालुओं की आस्था
भीषण तपिश व गर्मी पर भक्तों की आस्था हावी दिखी। भोर तीन बजे से ही शुरू हुआ स्नान दान सुबह होते-होते बढ़ गया। 10 बजे तक भीषण धूप व गर्मी के बावजूद हजारों लोग स्नान करने के लिए धोपाप घाट पर डटे हैं। यह भीड़ बढ़ती ही जा रही है। वहीं, प्रशासनिक अमला धाम पर डटा हुआ हैं। विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों की ओर से यहां भंडारा, पानी वितरण व खोया पाया शिविर लगाया गया है।
सीताकुंड समेत अन्य घाटों पर भी पहुंचे श्रद्धालु
गंगा दशहरा पर्व पर जो लोग धोपाप नहीं पहुंच पाते हैं वे अपने स्थानीय घाट पर ही स्नान दान करते हैं। शहर के सीताकुंड घाट पर सुबह से ही भीड़ रही। यहां पर हजारों लोगों ने स्नान किया। घाट पर मौजूद पुरोहितों के माध्यम से पूजा पाठ कर गोदान किया। यहां पर गोमती मित्र मंडल के स्वयं सेवक मेलार्थियों की सेवा में डटे रहे।
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— Amrit Vichar (@AmritVichar) June 16, 2024
