हल्द्वानी: पेयजल निगम ने भेजी डीपीआर, IIT रुड़की से तकनीकी जांच का इंतजार

17 किमी लंबी पाइप लाइन से जमरानी बांध का पानी शहर पहुंचाने की है योजना 

हल्द्वानी: पेयजल निगम ने भेजी डीपीआर, IIT रुड़की  से तकनीकी जांच का इंतजार

हल्द्वानी,अमृत विचार। शहर को जमरानी बांध से पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी पेयजल निगम को दी गई है। इसके लिए निगम ने कार्य से संबंधित डीपीआर शासन में भेजी हुई है। जिस पर आईआईटी रुड़की डीपीआर की तकनीकी जांच पर काम कर रही है। डीपीआर की तकनीकी जांच पूरी होते ही आगे की कार्रवाई हो पाएगी।

पेयजल निगम के सर्वे के मुताबिक पेयजल लाइन और ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 16 हेक्टेयर वन भूमि की जरूरत पड़ेगी। पेयजल लाइन वन भूमि के साथ ही निजी भूमि से भी गुजरेगी। इस पेयजल लाइन को बिछाने के लिए 6 हेक्टेयर वनभूमि की आवश्यकता होगी।

इधर पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता एके कटारिया ने बताया कि शासन से मंजूरी मिलने के बाद ही वन विभाग में भूमि के लिए आवेदन किया जाएगा। फिलहाल जमरानी बांध से जुड़ी पेयजल निगम की ओर से भेजी गई डीपीआर की प्रथम चरण के तहत तकनीकी जांच पर काम किया जा रहा है।  

पेयजल निगम को मिल सकता है वितरण का भी काम
जमरानी बांध से पानी लाकर वितरण प्रणाली तैयार करने का काम भी जल निगम को सौंपा जा सकता है। जमरानी बांध परियोजना के तहत बांध निर्माण के साथ ही पानी के वितरण का काम भी होना है। जल निगम ने बांध से पानी फिल्टर प्लांट और फिर ओवरहेड टैंकों तक पहुंचाने का प्लान तैयार किया है। जमरानी बांध परियोजना के लिए फंडिंग करने वाली संस्था एडीबी पानी के वितरण का एक पूरा प्लान चाहती है। इसमें बांध से पानी लाने और वितरण के लिए अलग-अलग बजट जारी करने के बजाए एक ही बजट पर काम चाहती है।