कासगंज: मोहनपुरा बाईपास निर्माण का हुआ श्रीगणेश, मिलेगी मटर मंडी के जाम से मुक्ति

कासगंज: मोहनपुरा बाईपास निर्माण का हुआ श्रीगणेश, मिलेगी मटर मंडी के जाम से मुक्ति

मोहनपुरा,अमृत विचार: बरेली मथुरा राज्य मार्ग 33 अब राष्ट्रीय राजमार्ग 530 बी हो चुका है। इस मार्ग का हस्तांतरण अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हो चुका है। जनपद में मार्ग निर्माण के लिए भूमि के अधिग्रहण एवं भू स्वामियों को मुआवजा आवंटन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

कस्बा मोहनपुरा में बाईपास निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है, जिसके क्रम में किसानों से भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। भूमि के एवज में मुआवजा भी आवंटित किया गया है। कार्यदाई संस्था द्वारा बाईपास निर्माण हेतु जगह चिह्नित कर दोनों ओर खंबे गाड़ दिए गए हैं और मार्ग निर्माण हेतु प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।

बाईपास की स्वीकृति के बाद कस्बे के मुख्य बाजार के दुकान स्वामियों में हर्ष की लहर है क्योंकि अब यह मार्ग कस्बे के बीचोंबीच से नहीं गुजरेगा। पूर्व में लोगों के मन में सड़क किनारे की अपनी संपत्ति को लेकर गंभीर संशय की स्थिति थी किंतु अब स्थिति स्पष्ट हुई तो लोगों ने चैन की सांस ली है। यह बाईपास राधा स्वामी सत्संग व्यास से कृषि विज्ञान केंद्र होते हुए, टीकमपुरा के पीछे होकर मुखिया जी कोल्ड स्टोरेज के पास पुनः मुख्य मार्ग से जुड़ जाएगा।

मटर मंडी के जाम से मिलेगी राहत
जैसा कि विदित है मोहनपुरा में मुख्य मार्ग पर ही सबसे बड़ी मटर की मंडी लगती है, जिस कारण दिसंबर से लेकर मार्च तक भारी जाम की स्थिति बनी रहती है। इस जाम के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित होता है और कभी कभी घंटो लोग जाम में फंसे रहते है। बाईपास निर्माण होने के बाद करीब 60 प्रतिशत यातायात इसी बाईपास से गुजरेगा और कस्बे में मटर मंडी के समय लगने वाले भीषण जाम से भी मुक्ति मिल सकेगी।

सड़क किनारे खड़े पेड़ों का कटान है जारी
मार्ग चौड़ीकरण के कारण सड़क किनारे खड़े पेड़ों को अपनी बलि देनी पड़ रही है। कासगंज से मोहनपुरा के मध्य अब तक कई सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं, मार्ग निर्माण में बाधक बन रहे बचे हुए पेड़ो का कटान भी जारी है। पेड़ों के कटान के बाद दिन के समय चिलचिलाती गर्मी में अब सड़क पर चलना दूभर हो गया है।

किसानों को होगा दोहरा लाभ
बाईपास निर्माण के लिए किसानों से उनकी भूमि का अधिग्रहण कर उसका मुआवजा दिया गया है। मुआवजे की दर निर्धारित शासकीय कीमत का चार गुना देने का प्रावधान है। इससे किसानों को भूमि की अच्छी कीमत मिल रही है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग होने से बाईपास के सहारे बची भूमि की कीमत में भी स्वतः वृद्धि हो जाएगी। इस प्रकार किसानों को दोहरा लाभ मिल रहा है।

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