अयोध्या : बीमार कार्मिक की नहीं कटी ड्यूटी, मतदान करा घर लौटते ही मौत  

एलआईसी में तैनात सहायक प्रशासनिक अधिकारी पत्नी के साथ पहुंचे थे ड्यूटी करने

अयोध्या : बीमार कार्मिक की नहीं कटी ड्यूटी, मतदान करा घर लौटते ही मौत  

परिजनों का आरोप, ड्यूटी कटवाने के लिए अधिकारियों से की थीं बड़ी मिन्नतें

अयोध्या, अमृत विचार : लोकसभा चुनाव करा कर घर आए सहायक प्रशासनिक अधिकारी की हालत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। भारतीय जीवन बीमा निगम सैटेलाइट कार्यालय बीकापुर में कार्यरत सहायक प्रशासनिक अधिकारी तुषार श्रीवास्तव (42) 25 मई को गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र के राजबली इंटर कॉलेज में ड्यूटी लगी थी। उन्हें ऑब्जर्वर के रूप में तैनात किया गया था।

आवास िवकास परिषद से सेवानिवृत्त चाचा विजय श्रीवास्तव ने बताया िक तुषार की तबीयत काफी दिनों से खराब थी। तुषार को पीलिया था। इलाज मकबरा स्थित डॉ.एस के पाठक के यहां से चल रहा था। उन्होंने आरोप लगाया िक तुषार पत्नी को लेकर दवाओं के पर्चे के साथ राजकीय इंटर कॉलेज में ड्यूटी कटवाने के लिए अधिकारियों के पास गए थे। इस दौरान कुछ ने कहा िक आप अपनी एप्लीकेशन सीडीओ को दे दीजिए।

एक दो अधिकारी ने यहां तक कह दिया िक जिस तरह आप ड्यूटी कटवाने के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं। उसी तरह चुनाव ड्यूटी भी कर सकते हैं। बकौल विजय उसी दौरान मौके पर सीडीओ भी आ गए। तुषार ने बीमारी से संबंधित पर्चे व एप्लीकेशन सीडीओ को दी। इसके बाद भी उनकी ड्यूटी लग गई। इसके बाद तुषार अपनी पत्नी अपर्णा के साथ ड्यूटी करने चले गए। चुनाव ड्यूटी सकुशल कर शनिवार रात 11:30 बजे नाका मुजफ्फरा िस्थत अपने घर पहुंचे। रात में दो बजे के करीब तुषार की तबीयत गड़बड़ हो गई। उन्हें जिला चिकित्सालय ले जाया गया।

रविवार सुबह पांच बजे के करीब तुषार ने दम तोड़ दिया। बताया जाता है िक तुषार का पेट फूल गया था और मुंह से ब्लड आ गया था। तुषार मूल रूप से पूराकलंदर थाना क्षेत्र के जीवपुर के रहने वाले थे, लेकिन वर्तमान समय में उनका परिवार आबकारी ऑफिस के पीछे नाका मुजफ्फरा पर निवास करता है। तुषार की जो दो छोटी-छोटी बेटियां िशपांक्षी व िपंकी हैं। कुचेरा में यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक पद पर तैनात तुषार के छोटे भाई सरस श्रीवास्तव ने भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में सीडीओ ऋषिराज से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो रिसीव हीं नहीं हुआ।

पिता ने जान देकर बचाई थी एलआईसी की रकम

पिता अश्वनी कुमार श्रीवास्तव भी भारतीय जीवन बीमा निगम में कार्यरत थे। कई वर्ष पूर्व इनके पिता ने अपनी जान देकर सरकारी पैसे को बचाया था। रकम बचाने के चक्कर में लुटेरों की गोली का सामना भी करना पड़ा था, लेकिन अश्वनी श्रीवास्तव बैंक गेट के पास पहुंचकर भारतीय जीवन बीमा निगम के रुपये से भरे बैग को बैंक के अंदर फेंक दिया था। रुपये तो बच गए, लेकिन अश्वनी श्रीवास्तव को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। उस समय भारतीय जीवन बीमा निगम का कार्यालय सिविल लाइन में हुआ करता था।

 

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