मुरादाबाद: सपा की राजनीति के चाणक्य कहे जाते थे डीपी यादव, 17 साल तक रहे प्रदेश सचिव के पद पर

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
On

मुरादाबाद, अमृत विचार: समाजवादी पार्टी की 32 साल से सेवा कर रहे पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने अपने घर में रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सपा की राजनीति में डीपी यादव को चाणक्य कहा जाता था। वह सपा की मेन बॉडी में 17 साल तक प्रदेश सचिव के पद रहे। इसके बाद दो बार जिलाध्यक्ष रहे। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। परिवार वालों के अनुसार वह डिप्रेशन की बीमारी से पीड़ित थे। उनका पिछले तीन महीने से दिल्ली व हरिद्वार के मानसिक रोग विशेषज्ञों से इलाज चल रहा था।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के बेहद करीबी होने के नाते डीपी यादव 2003 से लेकर 2019 तक दो बार प्रदेश सचिव और 2021 से 2024 तक मुरादाबाद के जिला अध्यक्ष रहे। 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान से कुछ दिन पहले इनको जिलाध्यक्ष पद से हटाया गया था। उनके घर के नौकर मलखान ने बताया कि वह कल दोपहर एक बजे हरिद्वार से आए थे। 

उन्होंने रात खाना भी नहीं खाया। पिछले 15-20 दिन से ठीक से खाना नहीं खा रहे थे। इससे परिजन चिंतित थे। 2022 का विधानसभा चुनाव डीपी यादव के जिलाध्यक्ष रहते लड़ा गया। जिसमें सपा ने 6 विधानसभा में से 5 पर जीत दर्ज की थी। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी डीपी यादव को दी गयी थी। पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को टिकट दिया गया। उसके बाद उन्होंने चुनाव से दूरी बना ली थी। इसके बाद उनको जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया।

बेटे की शादी की चल रही थी तैयारी
डीपी यादव के बेटे अंकित का रिश्ता इलाहाबाद में तय हो चुका है। बेटे अंकित की जुलाई में विवाह से संबंधित रस्म होनी थी। इसके लिए घर में तैयारियां चल रही थीं। घर में खुशियों को माहौल बना हुआ था। यह शनिवार की सुबह मातम में बदल गया। बेटे की शादी की तैयारी जोरशोर से की जा रही थी।

यह भी पढ़ें- Moradabad News : यूपी पुलिस की नौकरी छोड़ सियासत में रखा था कदम, पार्टी संस्थापक सदस्य थे डीपी यादव

संबंधित समाचार