मुरादाबाद : महानगर के मास्टर प्लान पर मुख्यमंत्री जल्द लगाएंगे मुहर
एमडीए उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के समक्ष तैयार किए गए मास्टर प्लान को किया था पेश
मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर के विकास के लिए मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया मास्टर प्लान 2031 जल्द ही शासन से पास होने वाला है। एमडीए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष मास्टर प्लान 2031 को पेश कर दिया है। इस मास्टर प्लान से मुख्यमंत्री पूरी तरह संतुष्ट भी हुए हैं।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा जनपद के विकास के लिए प्रति 10 वर्ष में मास्टर प्लान तैयार किया जाता है। जिसके तहत मास्टर प्लान 2031 तैयार करके छह माह पहले शासन को भेजा गया था। लेकिन, बीच में चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण मास्टर प्लान लटक गया था। छह दिन पहले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों ने एमडीए उपाध्यक्ष को मुख्यमंत्री के सामने मास्टर प्लान के प्रजेंटेशन की तैयारी को कहा था और मुख्यमंत्री के सामने प्रजेंटेशन को भी कहा था। जिसके तहत गुरुवार को एमडीए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने प्रजेंटेशन किया।
वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से इसका प्रजेंटेशन हुआ। एमडीए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने बताया कि मास्टर प्लान के प्रजेंटेशन से मुख्यमंत्री पूरी तरह संतुष्ट नजर आए। उन्होंने अधिकारियों को इसी माह मास्टर प्लान पास करने के निर्देश भी दिए हैं। एमडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि अब मास्टर प्लान की सभी बाधाएं दूर हो गई हैं। उम्मीद जताई कि नया मास्टर अगले 10 से 15 दिन में पास होकर आ सकता है। इसके बाद नए मास्टर प्लान की उम्मीद में पिछले दो-तीन साल से रुके विकास कार्य भी तेजी से शुरू कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण अधिकारियों को जारी किए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीमा विस्तार में शामिल नए गांवों को महायोजना में आबादी के रूप में ही दर्ज करें, ग्रीन बेल्ट के रूप में नहीं। नदियों, पोखरों व अन्य जलाशयों पर अतिक्रमण स्वीकार नहीं है, लखनऊ की कुकरेल नदी की तर्ज पर कार्रवाई करें। महायोजना में मेडिसिटी, स्पोर्ट्स सिटी, एजुकेशन सिटी, कन्वेंशन सेंटर के लिए स्पष्ट क्षेत्र चिह्नित होना चाहिए। जनसमस्याओं के निस्तारण में तेजी लाने, नक्शा पास कराने जैसे सामान्य कार्यों में अनावश्यक विलंब न करें। जहां कहीं भी ग्रीन बेल्ट है, वहां किसी भी दशा में नई कॉलोनी न बसने पाए। महायोजना में शामिल नई कॉलोनी के विकास पर ध्यान दें। सड़क, सीवर, बिजली, पानी जैसी सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता हो। महायोजना को अंतिम रूप देते समय यह ध्यान रखें कि यदि कोई धार्मिक स्थान है तो उसे उसी रूप में दर्ज करें। सड़कों का चौड़ीकरण करते समय ड्रेनेज और यूटिलिटी डाक्ट की व्यवस्था बेहतर ढंग से की जाए। नगर में रिंग रोड का विकास कराया जाए।
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