मुरादाबाद : ढेला नदी उफान पर, चार हजार बीघा फसल बर्बाद...क्षेत्रीय लोगों को आवागमन में परेशानी

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Published By Bhawna
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अक्का भीकनपुर, खईया गांव में नदी के पानी से सबसे अधिक नुकसान

मुरादाबाद, अमृत विचार। पहाड़ों से लेकर मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश से रामगंगा किनारे रहने वाले लोगों को बाढ़ का डर सता रहा है। वहीं दो दिन से मूसलाधार बारिश में ढेला नदी उफान पर है। इससे भोजपुर पीपलसाना मुख्य मार्ग पर चार फीट से अधिक पानी भर गया है। एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित हो गया है।

पीपलसाना भोजपुर क्षेत्र के अक्का, भीकनपुर, शाहपुर, इस्लामनगर, काफियाबाद, आदमपुर, बसावनपुर, खईया, सियाली, मिलक सहित लगभग एक दर्जन गावों के लोगों को लगभग 15 किमी का लम्बा सफर तय कर अपने मंजिल पर पहुंचना पड़ रहा है। काफियाबाद स्थित खईया खद्दर में बने श्मशान में भी दो फीट तक पानी भर गया है। बरसात के दौरान गांव में किसी की मौत पर उसका अंतिम संस्कार भी होना मुश्किल होगा। ढेला नदी व बरसात का पानी खेतों में भर जाने से किसानों की लगभग चार हजार बीघा फसल बर्बाद हो गई है। भोजपुर पीपलसाना मुख्य मार्ग पर पानी आने से ग्रामीण ट्रैक्टर के सहारे पशुओं का चारा ले जा रहे हैं। ग्रामीणों ने बच्चों को सड़क पर जाने पर रोक दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने भोजपुर पीपलसाना मुख्य मार्ग पर किसी अनहोनी की आशंका को रोकने के लिए ट्रैक्टर ट्राली के आवाजाही पर रोक लगा दी है।

चार बीघा फसल बर्बाद होने से चिंता बढ़ी
तीन महीने से धान की फसल तैयार कर रहे थे, लेकिन बरसात के पानी से उनकी चार बीघा धान की फसल बर्बाद हो गई। चिंता सता रही है कि ढेला नदी की तरफ से भी अभी पानी आ रहा है, इसके बढ़ने पर और नुकसान होगा।-हरस्वरूप, किसान, काफियाबाद

धान और गन्ने की फसल पानी में डूबी
लगातार बारिश होन से 30 बीघा धान की फसल नष्ट हो गई है। चरई और गन्ने की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। तय समय से पहले मानसून आने से किसानों को ज्यादा नुकसान हो रहा है। अक्का भीकनपुर व खईया के लोग सर्वाधिक प्रभावित हैं।-मोहम्मद मियां, किसान, अक्का भीकनपुर

सोमवार को दोपहर एक बजे के बाद ढेला बैराज से 12927 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त पहाड़ों पर बारिश का पानी आने से भी ढेला नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। -ललित मोहन कश्यप, सहायक अभियंता सिंचाई खंड, काशीपुर

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