हल्द्वानी: भूमि विवाद के कारण अधर में लटका कुमाऊं के पहले ड्राइविंग स्कूल का कार्य

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। गौलापार में कुमाऊं के पहले ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल और ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक के लिए बजट स्वीकृत होने के बाद कार्य भी शुरु कर दिया गया था। लोगों को उम्मीद थी कि अगले साल तक  ड्राइविंग स्कूल और टेस्टिंग ट्रैक बनकर तैयार हो जाएगा जिसकी सुविधाओं का लाभ पूरे कुमाऊं के लोग उठा सकेंगे, लेकिन एक-डेढ़ माह पहले रेलवे ने इसके कुछ हिस्से को अपनी भूमि बताकर कार्य रुकवा दिया था।

भूमि के विवाद के कारण अभी तक कार्य दोबारा शुरु नहीं हो सका है। रेलवे ने ड्राइविंग स्कूल की भूमि को अपना बताया है जबकि परिवहन विभाग के अनुसार उसने यह भूमि वन विभाग से खरीदी है।   पेयजल निगम की निर्माण इकाई इस पर कार्य कर रही थी और उसने मैपिंग करने के बाद काम भी शुरु कर दिया था। 36 करोड़ रुपये इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर खर्च होने हैं जिसमें ड्राइविंग स्कूल और टेस्टिंग ट्रैक के साथ ही आरटीओ कार्यालय भी बनना है।

देहरादून की तर्ज पर बनेगा सेंसर युक्त ट्रैक का निर्माण इसमें होना है।  गौलापार में परिवहन विभाग की 8 हेक्टेयर जमीन है जिस पर इसका निर्माण होना है।  गौलापार में बनने वाले आरटीओ परिसर में 2500 वर्गमीटर में आरटीओ कार्यालय बनेगा, 4400 वर्ग मीटर में ड्राइविंग ट्रैक बनेगा जिसमें 4 हजार वर्ग मीटर चौपहिया वाहन और 400 वर्ग मीटर दोपहिया वाहनों के लिए होगा।  ड्राइविंग स्कूल में 15 हजार वर्गमीटर का ट्रैक होगा। ड्राइविंग ट्रैक में ही टेस्ट भी लिया जाएगा। साथ ही 2500 वर्गमीटर में ड्राइविंग स्कूल बनेगा जिसमें 1500 वर्गमीटर में हॉस्टल जबकि 1 हजार वर्गमीटर में एकेडमिक और एडमिन्स्ट्रेशन ब्लॉक बनेगा। 

वन विभाग व  जिला प्रशासन के साथ बैठक में स्थिति नहीं हो पाई स्पष्ट
कुछ दिनों पूर्व परिवहन विभाग की वन विभाग, जिला प्रशासन और पेयजल निगम निर्माण इकाई के साथ बैठक हुई जिसमें भूमि विवाद का निस्तारण करने के संबंध में चर्चा हुई। संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी ने बताया कि रेलवे ने अपने सर्व में उक्त भूमि के कुछ हिस्से को अपनी संपत्ति बताया है जबकि परिवहन विभाग ने वन विभाग से जमीन खरीदी है। कुछ दिनों पूर्व हुई बैठक में वन विभाग ने अपना एक पुराना नोटिफिकेशन दिखाया था लेकिन इससे स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। सैनी ने बताया कि इस संबंध में शुक्रवार को उनकी एसडीएम के साथ वार्ता हुई और 3-4 दिन बाद प्रशासन के साथ फिर से बैठक होनी है।