रुद्रपुर: गर्दन की नस में धंसा छर्रा, बाल-बाल बची कमल की जान

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रुद्रपुर, अमृत विचार। पीपल पड़ाव वन रेंज की टीम पर सागौन लकड़ी तस्करों की फायरिंग में घायल रेंज अधिकारी व वन आरक्षी का सफल ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर्स की टीम ने कर दिया है। गनीमत यह रही कि वन आरक्षी की गर्दन में धंसा छर्रा सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया गया, वरना वन सिपाही की जान जोखिम में पड़ सकती थी।

शुक्रवार की शाम को पीपल पड़ाव वन रेंज के जंगलों में वन तस्करों ने वन विभाग की टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं। जिसमें रेंज अधिकारी रूप नारायण गौतम, वन दरोगा हीरा सिंह और वन आरक्षी कमल कुमार और सुभाष शर्मा 12 बोर के छर्रे लगने के कारण घायल हो गए थे।

घायलों को मेडिकल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएस शाह के नेतृत्व में डॉक्टर्स की टीम ने वन आरक्षी कमल कुमार और रेंज अधिकारी का सफल ऑपरेशन किया।

प्राचार्य डॉ. शाह ने बताया कि वन आरक्षी कमल कुमार की स्थिति बेहद नाजुक थी। कारण 12 बोर का मोटा छर्रा गर्दन की नस में धंसा हुआ था। जिस कारण घायल को पैरालिसिस या फिर दिमागी नसों में रक्त बहाव की सप्लाई का खतरा हो सकता था। उन्होंने बताया कि नस के ऊपर छर्रा धंसा हुआ था।

जरा सी असावधानी होती तो वन आरक्षी की जान जोखिम में पड़ सकती थी। वहीं रेज अधिकारी रूप नारायण गौतम के पेट में फंसे छर्रें को भी सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया गया है। अब दोनों ही वन कर्मी खतरे से बाहर हैं। जिनको कुछ दिन पर छुट्टी दे दी जाएगी।

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